लखनऊ। शिवालय सेवा एवं प्रबंधन समिति की ओर से सदर बाजार स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग धाम में चल रही शिवमहापुराण कथा के तीसरे दिन शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. जितेंद्र नाथ पांडेय ने नारद मोह और उनकी भक्ति का वर्णन किया। ज्ञानमूर्ति कथा व्यास ने कहा कि महादेव ने जिस स्थान पर कामदेव को भस्म किया। उसी स्थान पर नारद तप करने लगे। तप से कामदेव के भयभीत होने पर नारद को अभिमान हो गया। कि उन्होंने काम पर विजय प्राप्त कर ली। भगवान विष्णु ने माया के द्वारा विश्व मोहिनी स्वयंवर में नारद को आसक्त देखकर वानर रूप दे दिया। जिससे कुपित होकर उन्होंने विष्णु जी को श्राप दिया। विष्णु के अवतार भगवार राम को सीता वियोग में वानरों व भालुओं संग 14 वर्ष का जीवन यापन करना पड़ा।डॉ. जितेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि मानव जीवन के कल्याण के लिए पुराण में नारद भक्ति क्रमशः श्रवण, कीर्तन, स्मरण, वंदना, पूजन और आत्म निवेदन का मार्ग है। उन्होंने कहा कि शिव भक्ति से जीवन में यश, बल, बुद्धि, विद्या और दीर्घ आयु के साथ ही सुख समृद्धि भी प्राप्ति होती है। कथा के मुख्य यजमान राजेश अग्रवाल, रेनू अग्रवाल ने बताया कि कथा 15 अगस्त तक दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे होगी। कथा में शिव शंकर अग्रवाल, अशोक वैश्य, रितेश अग्रवाल राजू वैश्य, अमित अग्रवाल, उज्ज्वल, दिव्या, हिमांशु, पवन मौजूद रहे।