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समाजवादी न्याय यात्रा को अखिलेश ने रवाना किया,

9 दिन तक वेस्ट यूपी के शहरों से गुजरेगी, बिजनौर में समापन होगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव राजधानी लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित पार्टी कार्यालय से सामाजिक न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाया। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रदेश में जातिगत जनगणना की आवाज को बुलंद करते हुए इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई। इस दौरान उन्होंने कहा, बीजेपी जिन्हें सम्मान नहीं दे सकी। उन्हें जगाने के लिए सामाजिक न्याय यात्रा की शुरुआत की है। हम जातीय जनगणना कराए जाने की मांग करते हैं। ताकि जाती के नाम पर ध्रुवीकरण को रोका जा सके। देश का लोकतंत्र और संविधान बचाया जा सके। हमारी मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल हो, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, शिक्षा का प्राइवेटलाइजेशन रोका जाए। शिक्षा में व्यापार को बंद करना चाहिए। अब 25 नवंबर को बिजनौर में यात्रा का समापन होगा। सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा इंडिया का नारा देने के बाद कांग्रेस ने भी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को अपने पाले में करने की कवायद तेज कर दी है। इसके तहत जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी लगातार उत्तर प्रदेश में पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों को साधने की कावड़ में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव प्रदेश में अपनी पद को मजबूत करने के लिए लगातार जातिगत जनगणना की मांग करते नजर आ रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के बाद अब कांग्रेस भी पिछड़ी जातियों को लामबंद करने में जुट गई है। कांग्रेस आरक्षण और जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर लखनऊ में पिछड़ी जातियों का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। हालाकि अखिलेश यादव ने इस चुनावी मुहिम में पहले ही शुरुआत करके कांग्रेस के लिए कहीं ना कहीं चुनौती खड़ी कर दी है। समाजवादी पार्टी समाजवादी पार्टी जातिगत जनगणना की आवाज को लगातार बुलंद कर रही है यही कारण है कि अखिलेश यादव 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कभी साइकिल यात्रा तो कभी सामाजिक न्याय यात्रा के जरिए जहां एक तरफ बीजेपी पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कॉपी चुनौती दे रहे हैं।

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