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सदर में चल रही श्रमद् भागवत कथा का दूसरा दिन

 लखनऊ । श्री शिव श्याम मन्दिर समिति के तत्वावधान में हाता रामदास सदर कैण्ट में  चल रहे 15वां श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एव श्री नवग्रह शांति एवं महालक्ष्मी यज्ञ के दूसरे दिन रविवार को श्री वृन्दावन धाम से पधारे परमपूज्य संत श्री रामकुमार दास जी महाराज ने कहा कि कलियुग में श्रीमद् भागवत महापुराण श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। क्योंकि कल्पवृक्ष मात्र तीन वस्तु अर्थ, धर्म और काम ही दे सकता है। मुक्ति और भक्ति नही दे सकता है। लेकिन श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। धुन्धकारी जैसे शराबी,  कवाबी, महापापी, प्रेतआत्मा का उद्धार हो जाता है। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है। इसके साथ साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है। क्यों कि दुख में ही तो गोविन्द का दर्शन होता है। जीवन की अन्तिम बेला में दादा भीष्म गोपाल का दर्शन करते हुये अद्भुत देह त्याग का वर्णन किया। साथ साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान श्री शुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिये कैसे प्रगट हुये इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया।
मुख्य संयोजक पंण्डित राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ‘गुरुजी’ ने बताया कि कथा 23 दिसम्बर तक प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम 6ः30 बजे तक होगी। उनहोंने बताया कि यज्ञ पूर्णाहुति 24 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे एवं महाप्रसाद दोपहर एक बजे से प्रारम्भ होगा।
सुधीश गर्ग मो0 9415020938

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