लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 39 जनपदों के 250 विकास खण्डों में तथा 2019-20 में 52 जनपदों के 453 विकास खण्डों में सघन रूप से संचालित की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की गरीब परिवारों की महिलाओं को सक्षम और प्रभावशाली मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वृद्धि करना एवं वित्तीय सेवाओं तक उनकी पहुंच बनाकर पारिवारिक आय को बढ़ाते हुए गरीबी को दूर करना है। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मिशन की शुरूआत 2013-14 से 2016-17 तक कुल 399.46 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जा चुकी है। विगत दो वर्षों में आजीविका मिशन के अन्तर्गत 1054.25 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गयी है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 74 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गयी। आजीविका मिशन के अन्तर्गत 2018-19 में 30558 महिल स्वयं सहायता समूहों को 336.14 करोड़ रूपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में जारी किया गया है। इसके अलावा इसी अवधि में महिला स्वयं सहायता समूहों को 253.05 करोड़ रूपये का बैंक लिंकेज उपलब्ध कराया गया।