जयपुरिया इंस्टिट्यूट का दीक्षान्त समारोह आयोजित हुआ
रंजीव ठाकुर
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को जयपुरिया इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के 21वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर विद्यार्थियों को डिग्री, डिप्लोगा, पदक एवं ट्राफी देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष शरद जयपुरिया, निदेशक एम0 अशरफ रिज़वी, डीन वीर वेदरत्न सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे। राज्यपाल ने दीक्षान्त समारोह में संस्थान की स्मारिका का लोकार्पण भी किया। उन्होंने संस्थान को सुझाव देते हुये कहा कि संस्थान द्वारा कार्यक्रम में सुंदर तरीके से राष्ट्रगान एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी जो सराहनीय है, लेकिन उसी प्रकार उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थिगण गाउन एवं हैट की जगह भारतीय वेशभूषा में होते तो और अच्छा होता।
राज्यपाल ने अपने दीक्षान्त उद्बोधन में कहा कि प्रबंधन एक ऐसा विषय है जिसमें समय का प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण हैं। प्रबंधन के माध्यम से बदलाव के सूत्रपात बनें युवा। परिवर्तन के युग में बदलाव को स्वीकार करते हुये आगे बढ़ने पर विचार करें। सामयिक विषयों पर नजर रखें तथा बदलाव का अध्ययन करते रहें। राज्यपाल ने कहा कि यह सुखद है कि शिक्षा के क्षेत्र में बेटियाँ बेटों से ज्यादा पदक एवं उपाधि प्राप्त कर रही हैं जो महिला सशक्तीकरण का सूचक है। बेटे गंभीरता से मेहनत करें नहीं तो आरक्षण की मांग करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह से किताबी पढ़ाई पूरी हुई है लेकिन अनुभव का ज्ञान अब शुरू होगा।
नाईक ने कहा कि दीक्षान्त समारोह के उपरान्त विद्यार्थी नई दुनिया में प्रवेश करते हैं जहाँ आगे बढ़ने के लिये कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र-छात्रायें खुले आकाश में चुनौती का सामना करने के लिये शक्ति प्राप्त कर चुके हैं। माता-पिता एवं गुरूजनों द्वारा शिक्षा का अवसर प्रदान किये जाने के बाद विद्यार्थी इस स्तर तक पहुँचे हैं। ऐसे में स्पर्धा केवल अपने शहर, प्रदेश एवं देश तक सीमित नहीं है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में भाग लेना है। उन्होंने कहा कि प्रगति के इस दौर में स्पर्धा के आयाम भी बदले हैं।
राज्यपाल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है। आने वाले समय में देश में सबसे बड़ी आबादी युवाओं की होगी। युवाओं को देश की पूंजी बनाने के लिये उचित मार्गदर्शन जरूरी है। युवा असफलता से घबरायें नहीं बल्कि उसका विश्लेषण करके पुनः आगे बढ़ने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ‘कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’ को अपने जीवन का ध्येय वाक्य बनायें। राज्यपाल ने व्यक्तित्व विकास के लिये विद्यार्थियों को चार मंत्र बताते हुये कहा कि चरैवेति! चरैवेति!! के श्लोक को आत्मसात करें क्योंकि सतत आगे बढ़ने से सफलता मिलती है।
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष शरद जयपुरिया ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा राज्यपाल का संक्षिप्त परिचय भी कराया तथा निदेशक एम0 अशरफ रिज़वी ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की ।
राम नाईक से राज्यसभा सांसद एवं एस्सल ग्रुप के अध्यक्ष डाॅ0 सुभाष चन्द्रा ने आज राजभवन में शिष्टचारिक भेंट की और उन्हें एस्सल गु्रप के 90 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया। राज्यपाल ने चन्द्रा को अपने पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की प्रति भी भेंट की ।