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पीसीएफ 50वीं वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक,पीसीएफ की आय पहुंची 5183.78 करोड़,

बी-पैक्स सदस्यता में 26 हजार नए सदस्य हुए शामिल
लखनऊ,। राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड की 10 साल बाद 50वीं वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक बुलाई गयी। वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, सहकारिता राज्य मंत्री जे पी एस राठौर और राज्य मंत्री दया शंकर सिंह के साथ ही पीसीएफ के सभापति बाल्मिकी त्रिपाठी,भी मौजूद रहे। पीएससी ने बुलाई गई 50वीं वार्षिक सामान निकाय की बैठक में पिछले 1 वर्षों में पीसीएस की अचीव की गई उपलब्धियां को बताया गया। पीसीएफ के प्रबंधक निदेशक संजय कुमार ने बताया की कि पीसीएफ की वर्ष 2022-23 की उपलब्धि 5183.78 करोड़ रही है। उर्वरक में वर्ष 2022-23 में प्रीपोजीशनिंग उर्वरक की उपलब्धि 460.20 करोड़ और हैण्डलिंग की उपलब्धि 390.44 करोड़ रही है। बीज व्यवसाय की उपलब्धि 14.50 करोड़ रही है। कृषक सेवा केन्द्र की उपलब्धि 215.28 करोड़ रही है। गेहूं खरीद की उपलब्धि 331.06 करोड़ और धान खरीद की उपलब्धि 3666.26 करोड़ रही। दलहन-तिलहन खरीद की उपलब्धि 52.74 करोड़ रही। वहीं वेयरहाउस व्यवसाय की उपलब्धि 26.00 करोड़ और शीतगृह व्यवसाय की उपलब्धि 1.47 करोड़ रही। सितम्बर 2023 तक नैनो यूरिया मात्रा 613930 लीटर और नैनो डीएपी मात्रा 109784 लीटर की बिक्री की गई है। उत्तर प्रदेश पीसीएफ द्वारा ईआरपी मॉड्यूल के माध्यम से पीसीएफ के सभी व्यवसायों की मानिटरिंग मुख्यालय स्तर और क्षेत्रीय कार्यालय स्तर से की जाती है, जिससे जहां एक ओर पीसीएफ के कार्मिकों की दक्षता बढ़ती है तो वही दूसरी तरफ समस्याओं की जानकारी भी समय होने से उसका निस्तारण किया जाता है।उत्तर प्रदेश सरकार के बी-पैक्स सदस्यता अभियान को बढ़ाने के निर्देश के बाद सितंबर महीने में पीसीएफ ने 26000 नए सदस्यों को जोड़ा गया है।वही सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि पीसीएफ का सहकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है, बिना पीसीएफ के कृषक हित और सहकारिता अभियान को गति देना असम्भव है, पीसीएफ सहकार से समृद्धि नारे को चरितार्थ कर रहा है। पीसीएफ महज एक संस्था ही नहीं है, बल्कि एक परिवार है जो कि लगातार सहकारिता के माध्यम से कृषक हित में कार्य करता है। पीसीएफ ने कुछ नये व्यवसाय संचालित किये जाने की कार्य योजना बनायी है जिसमें पीसीएफ के कृषक सेवा केन्द्रों को आधुनिक सेवाओं और संसाधनों से युक्त करते हुए आधार का कार्य, प्रधानमंत्री जन औषधी योजना के अन्तर्गत औषधी वितरण का कार्य जनसेवा केन्द्रों (सीएससी) के रूप में कार्य करना, कृषक सेवा केन्द्रों और जनपद में संचालित एफपीओ के माध्यम व्ययवसायिक विविधिकरण योजना के अन्तर्गत कार्य, माइक्रो एटीएम के संचालन का कार्य, पीसीएफ के निष्प्रयोज्य सम्पत्तियों पर 26 पेट्रोल पम्प संचालन किये जाने और योजना के अन्तर्गत सरकार नये गोदाम निर्माण, गेहूँ एवं धान कय केन्द्रों पर पावर डस्टर स्थापित किये जाने सम्बन्धित कार्य तथा गोदामों की उपयोगिता और दक्षता बढ़ाने हेतु ॅक्त्। के अन्तर्गत पीसीएफ के गोदाम पंजिकृत कराये जा रहे है।
पीसीएफ संस्था सहकारिता के क्षेत्र की शीर्ष संस्था है, जिसकी नींव 1943 में मात्र 30 व्यक्तियों के टीम एवं 13600 की प्रारम्भिक राशि से रखी गयी थी। वर्तमान में संघ के पास लगभग 1400 व्यक्तियों का टीम और 79.95 करोड़ की अंश पूँजी है। पीसीएफ के मुख्य कार्य उर्वरक भण्डारण एवं आपूर्ति, बीज आपूर्ति, मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत समर्थन मूल्य पर कृषकों द्वारा उत्पादित गेहूँ, धान, दलहनी एवं तिलहनी फसलों का कय, शीतगृह का संचालन एवं वेयर हाउसिंग हैं।

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