लखनऊ। यूपीपीएसीएल में संविदा कर्मियों के शोषण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ के घटक संगठनों की आज नरही स्थित केन्द्रीय कार्यालय में संरक्षक अरुण कुमार की अध्यक्षता मे एक बैठक हुई । बैठक में कहा गया कि एमडी विद्युत वितरण निगम द्वारा जारी अनुमोदन के उपरांत शिकायत के कारण संविदा कर्मियों को हटाने का प्रावधान था किन्तु इसे बदल करके सीधे अधीक्षण अभियंता को निकालने का अधिकार दे दिया गया है। आदेश वापस लिए जाने की माँग की गई ।आठ नौ हजार रुपये महीना पर वर्षों से संविदा पर कार्यरत दस हजार आईटीआई पास एसएसओ को हटाकर 30 हजार रुपये माह पर पूर्व सैनिकों को रखने का आदेश वापस लेने एवं संविदा कर्मियों का वेतन बढ़ाने की माँग भी की गई ।बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष आर एस राय ने कहा कि ठेका लेने वाली कम्पनियों द्वारा इंजीनियरों की मिलीभगत से अनुभवी संविदा कर्मियों को हटाकर मनमाना रकम लेकर नए लोगों को रखने के कार्य पर रोक लगाने हेतु ऊर्जा निगमों के पूर्व चेयरमैन एम देवराज द्वारा वर्ष 2020 में किया गया उक्त आदेश वापस लेकर वर्तमान चेयरमैन द्वारा इंजीनियरों और आउट सोर्स कम्पनियों को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे दी गई है। उप्र संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री रामभूल सैनी और विद्युत संबिदा मजदूर संगठन के मुख्य महामंत्री पुनीत राय ने गत 16,17,18 मार्च को अभियंताओं द्वारा की गई हड़ताल में महासंघ के आवाहन पर पूरे प्रदेश में ड्यूटी पर मौजूद रहने वाले संविदा कर्मियों को बदले की भावना से निकालने की कारवाई करने का अवसर देकर चेयरमैन द्वारा संविदा कर्मियों के साथ घोर अन्याय किया गया है। बैठक मे गत हड़ताल में ड्यूटी करने के बावजूद अभियंताओं की साजिश से निकाले गए संविदा कर्मियों को काम पर वापस लिए जाने और अनपरा परियोजना के नियमित कर्मचारियों का निलंबन समाप्त किए जाने की मॉग की गई।