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मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल का लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने बनाया तमाशा

शिकायतकर्ता को प्रेषित की फर्जी झूठे मुकदमे की आख्या आरटीआई से हुआ खुलासा

लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट का बड़ा कारनामा हुआ उजागर शिकायतकर्ता शमीम अहमद निवासी पुराना किला लखनऊ ने कुछ जनहित के मुद्दों पर शिकायत की थी , शराब विक्रेताओं की मनमानी व उनकी दुकान के आसपास अतिक्रमण पुलिस की लापरवाही के विरुद्ध आवाज उठाई उच्च अधिकारियों को दिए गए प्रार्थना पत्रों की जांच जब होकर आई तो पुलिस वालों ने शमीम अहमद को शिकायत पत्र वापस लेने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शमीम अहमद को षड्यंत्र करके व कूट रचित दस्तावेज तैयार करके मुकदमा अपराध संख्या 15 /2019 अंतर्गत धारा 13 जुआ अधिनियम के अंतर्गत थाना हुसैनगंज लखनऊ में दर्ज करवा दिया जबकि शमीम अहमद ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि ऐसा कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी मुकदमे की आख्या पुलिस द्वारा लगाई गई है शमीम अहमद व उसका पूरा परिवार मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद परेशान हो गया क्योंकि शमीम अहमद अक्सर सामाजिक मुद्दों को उठाते रहते हैं ,क्योंकि वह एक जागरूक नागरिक होने के साथ-साथ सामाजिक हित में अपनी आवाज को बुलंद करते रहते हैं, मुकदमे की फर्जी जानकारी मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर जिन पुलिस वालों ने लगाई है उनके नाम है शमशेर बहादुर सिंह निरीक्षक हुसैनगंज कोतवाली सब इंस्पेक्टर तेज कुमार शुक्ला सब इंस्पेक्टर चंद्रभान गिरी द्वारा षड्यंत्र के तहत मिलीभगत से झूठे व फर्जी मुकदमे की जानकारी की आख्या प्रेषित की क्योंकि बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया यह पब्लिक है सब जानती है इस प्रकार की झूठी आख्या ने पुलिस विभाग को एक बार फिर शर्मसार कर दिया इस पूर्ण प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान लेकर हाई कोर्ट अधिवक्ता कुलदीप पाण्डेय ने पुलिस आयुक्त सहित गलतआख्या प्रेशित वाले सम्मिलित पुलिस वालो को लीगल नोटिस जारी किया ।

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