मानकों को ताख पर रख कर नक्शा हुआ पास, दागदार अवर अभियंताओं को किया है जोन 1 की प्रवर्तन टीम में शामिल
अवध की आवाज
अनिल कुमार सिंह
लखनऊ। उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ के द्वारा जनहित याचिकाओ मे पारित आदेशो के बाद भी राजधानी लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहे है। पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के ईमानदारी की कसमें खाने वाले उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी अवैध निर्माण पर रोक लगाने मैं पूर्णतया नाकाम रहे है। जिसका प्रमाण जोन 1 अधिशाषी अभियंता व अवरं अभियंता तथा नक्शा विभाग की मिली भगत सेें जोन 1 में एकल आवासीय दो भूखंड 1/77 व् 78 विवेक खंड गोमती नगर लखनऊ पर अवैध निर्माण हो रहां है। जिसका नक्शा मानको को ताख पर रख कर पास किया गया है। दो आवासीय भूखंड को जोड़कर एक बहुमंजिला व्यवसायिकक भवन के अवैध निर्माण हेतु मानको को नजर अंदाज करते हुए भ्रष्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों द्वारा पास कर दिया गया है। जब अवध की आवाज टीम द्वारा इस सम्बन्ध में जानकारी ली गयी तो अधिशाषी अभियंता जोन 1 ऐ के सिंह ने बताया कि यह अवैध निर्माण अपने सही मनको को ध्यान में रखते हुए हो रहा है जबकि ये दोनों भूखंड लखनऊ विकास प्राधिकरण से ही आबंटित है और लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा की गयी विक्रय विलेख में एक क्लाज है जिसके अंतर्गत भवन में कभी कोई नक्शा के विपरीत कोई तोड़ फोड़ या कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है और न ही उसपर कोई व्यावसायिक भवन का निर्माण किया जा सकता है। तो फिर अवैध निर्माण उक्त भूखंडों को मिला कर किस आधार पर किया जा रहा है और इसका नक्शा मानको को ताख पर रखकर कैसे पास कर दिया गया है। यह अवैध निर्माण इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि जोन 1 के अवर अभियंता राजीव मिश्रा और अधिशाषी अभियंता ऐ के सिंह की मिलीजुली मिली भगत का जीता जगता उदारण है। दागदार अवर अभियंताओं को किया है जोन 1 की प्रवेर्तन टीम में शामिल किया गया है | वही अधिशाषी अभियंता ऐ के सिंह के संरक्षण मे दागदार व अवैध निर्माणो के मास्टर माइंड अवर अभियन्ता एस के सिंह, रविंद्र श्रीवास्तव, अनिल मिश्रा, जैसे अवर,अभियंताओं को बार-बार एलडीए के प्रवर्तन जोन में तैनाती देकर खुले आम अवैध निर्माण करने की तयारी है। लखनऊ के विराज खंड में अवर व सहायक अभियंता तथा अधिशासी अभियंता के साथ ही विहित प्राधिकारी जोन 1 की दुरभि सन्धि के चलते अवैध निर्माणकर्ता के द्वारा नियम विरुद्ध बहुमंजिला नक्षत्र होटल तैयार कर दिया गया। बताया जा रहा है उक्त नक्षत्र होटल के विरुद्ध निर्माण के दौरान हुई शिकायत का तत्कालीन अवर अभियंता सुरेंद्र द्विवेदी पूर्व वर वर्तमान सहायक अभियंता विनोद गुप्ता के द्वारा फर्जी निस्तारण करके नक्षत्र होटल के निर्माणकर्ता को अभय वरदान दे दिया गया। बनाए गए अवैध बहुमंजिला नक्षत्र होटल की अनेकों बार मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर की गयी शिकायतो के मामले मे अवर अभियंताओ व भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा आज तक अवैध बने नक्षत्र होटल पर कोई कार्यवाही न करके लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियमों के विपरीत बहुमंजिला नक्षत्र होटल को खुलेआम संरक्षण दिया जा रहा है। संबंधित मामले में पूछने पर विहित अधिकारी पंकज कुमार गोल मोल जवाब देकर मामला विचारधीन बताकर ठन्डे बास्ते में दाल दिया। आखिर किस आधार पर आज तक एलडीए अधिकारियो के द्वारा उक्त अवैध होटल पर ध्वस्तीकरण की कोई कारवाही नहीं की जा रही है। विहित प्राधिकारी पंकज कुमार द्वारा सीलिंग आदि की कार्यवाही न करके संरक्षण दिया जा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि विहित प्राधिकारी पंकज कुमार व नक्षत्र होटल के मालिक की मिली भगत के चलते उक्त अवैध होटल को अभय वरदान देकर अध्यासित करवा दिया गया ? गौर तालाब यह है कि रविंद्र श्रीवास्तब ,अनिल मिश्रा जैसे अवर अभियंता जो विगत वर्षों में सेकड़ो अवध निर्माणों को रजधानी में अंजाम दे चुके है। जिनको हर बार शिकायत को अंबर लगने पर केवल एक जोन से दूसरे जोन स्थानांतरण कर दिया जाता है। पर उनके खिलाफ कोई दंडनीय कारवाही नहीं की जाती है। अब देखना यह है कि अपने को ईमादार कहने वाले उपाध्यक्ष महोदय इस विषय पर अपना क्या ठोस निर्णय लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण इस तरह के भ्रष्ट अधिशाषी अभियता और अवर अभियंताओं के खिलाफ क्या कार्यवाही करते है ?