पंद्रह दिन तक चली उठा पटक के बाद सत्य की हुई जीत,पत्रकारों में उल्लास का माहौल
लखनऊ। अनियमितताओं और मनमाने विद्युत आपूर्ति को लेकर आनलाइन की गई शिकायत पत्रकार जितेंद्र बहादुर सिंह को भारी पड़ गई।बीती 20 मई की रात मानसरोवर योजना स्थित आवास पर लेसा कर्मियों का कहर पत्रकार जेबी सिंह के परिवार पर बरस गया,कीगई आनलाइन शिकायत पर खिसियाए विद्युत कर्मियों ने हदों को पार करते हुए घर में मौजूद परिवार जन से अभद्र वाद विवाद के साथ बीमार चल रहे पिता से धक्का मुक्की भी की,यही नहीं किसी तरह का कोई बकाया न होने के बाद भी उनके घर की सप्लाई का तार खम्भे से काट कर अलग फेंक दिया था। मामला आशियाना थाने जा पहुंचा जहा देर रात पत्रकारों ने घटना के खिलाफ कर्यवाही के खिलाफ पुरजोर जोर आजमाइश की लेकिन मौके पर पहुंची क्षेत्राधिकारी कैंट तनू उपाध्याय ने फिल्मी अंदाज में पत्रकारों पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन सैकड़ों की तादाद में मौजूद पत्रकारों के बदलते तेवर देख कर क्षेत्राधिकारी ने पैतरा बदला और 24 घंटे के अंदर मामले में न्याय दिलाने का झूठा आश्वासन दे कर सभी को शान्त करा दिया। पत्रकार भीड़ का हिस्सा नहीं है लेकिन पत्रकार को अपने और अपने परिवार के साथ हुए अमानवीय कृत्य के मामले में न्याय पाने के लिये एक आम इंसान से कहीं ज्यादा मशक्कतों का सामना करना पड़ा।फिलहाल धीरेधीरे मामला तूल पकड़ता गया। उप मुख्यमंत्री समेत प्रमुख सचिव,मुख्य सचिव, मण्डलायुक्त,जिलाधिकारी, एमडी लेसा से शिकायतें की गई।बिगड़ते माहौल को सम्भालने के लिये मामले को लेकर जांच के आदेश कर दिये गए।”सांच को आंच क्या”जांच अगर पूंर्ण होती तो लेसा के कई अधिकारियों का बोरिया बिस्तर बंधना तय हो चुका था।अपनी अपनी बचाने को लेकर नादरगंज विद्युत केन्द्र के कर्मचारियों ने पत्रकार जेबी सिंह को मनाने या समझौता करने के लिये दांव पर दांव खेलना शुरू कर दिया। समाज के लिये समर्पित पत्रकार किसी का अहित नहीं चाहता और इसी लिये अंततः पत्रकारों को मामले में समझौता करने के लिये राजी होना पड़ा।अधिशासी अभियंता संदीप कुमार तिवारी ने अपने किये गए निवन्दनीय कृत्य के लिये लिखित रूप मे मांफी मागी साथ ही जेबी सिंह के परिजनों से भी अपने दुर्व्यवहार के लिये शर्मिंदगी व्यक्त की।