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एल डी ए प्रवर्तन जॉन 4 में अवर अभियंता अम्ब्रीश कुमार , सहायक अभियंता अनिल कुमार के क्षेत्र में हो रहे सील भवनों मेँ अवैध निर्माण

मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों भ्रामक निस्तारण बना एल.डी.ए. जिम्मेदारों की अवैध वसूली का जरिया
लखनऊ। परिवर्तन जोन-4 के अवर अभियंता अम्ब्रीश कुमार , सहायक अभियंता अनिल कुमार सहित सुपरवाइज़रों के संरक्षण में मिलीभगत से अवैध निर्माण चल रहे है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी के सख्त निर्देशों के बाद भी आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत करने पर भी नहीं होती है कोई कार्यवाई, भ्रामक निस्तारण कर आख्या लगा दी जाती है। मुख्यमंत्री को बुलडोजर बाबा के नाम से बदनाम कर अवैध निर्माणों को रोकने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। एल.डी.ए विभाग के परिवर्तन जोन-4 में तैनात अवर अभियंता अम्ब्रीश कुमार , सहायक अभियंता अनिल कुमार सहित सुपरवाइज़र आई जी आर एस की मनगढंत आख्या देकर अवैध वसूली कर दोनों हाथों से लूटने खसोटने में मशगूल है। जब अवैध निर्माण हो रहे होते हैं तब एलडीए अधिकारी मौन साधे जेबें भरने में व्यस्त रहते हैं।आखिर पैसे बटोरते समय अवैध निर्माण क्यों नहीं नज़र आता आता है ?
इस पर जब कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराता है। तो उस पर भी उक्त स्थानीय अधिकारी भ्रामक आख्या लगा कर रिपोर्ट में लिख देते है कि शिकायतकर्ता का फोन नहीं उठा व अन्य निराधार कारण देते हुए निस्तारित कर दिया जाता है और अवैध निर्माण इनके संरक्षण में निरंतर होता रहता है।
जबकि इस मामले की विशेष विशेष जांच होनी चाहिए . सम्बंधित अधिकारी को पूरा संज्ञान होता है कि निर्माण कहां चल रहा है और किस की शिकायत की जा रही है। अपने गुनाहों पर्दा डालने के लिए उक्त अधिकारी गलत रिपोर्ट लगाते है।
अलका पूरी अलीगंज व एकता विहार चंद्रलोक कोलोनी सेक्ट ई लखनऊ में हो रहे निर्माणों ताजा मामला प्रकाश में आया है जहाँ पर अवैध निर्माण अवर अभियंता अम्ब्रीश कुमार , सहायक अभियंता अनिल कुमार सहित सुपरवाइज़र के संरक्षण में हो रहे हैं । पूर्ण जानकारी होने के बाद भी अनिभिज्ञता जताई जा रही है। ताकि उच्च अधिकारियों के सवालों से बचा जा सके। जब अवैध निर्माण की जनहित में कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से शिकायत करता है। तो उस का भ्रामक निस्तारण दे कर अपना दामन उक्त अधिकारी झाड़ लेते हैं। इसका मतलब क्षेत्र में अधिकारी एवं सुपरवाइजर सिर्फ निजी स्वार्थ में मस्त हैं। सच तो यह है अवैध निर्माण को रोकना नहीं चाहते बल्कि उसे बढ़ावा दे कर भ्रष्टाचार की मीनार खड़ी कर रहे है। गौरतलब बात तो यह है कि जोन 4 में उक्त अवर अभियंता व सहायक अभियंता इतने बड़े-बड़े काम्प्लेक्स बगैर एलडीए विभाग की जानकारी के बगैर कैसे बन रहे है?
सूत्रानुसार जे ई, ए ई सुपर वाइज़ारों के माध्यम से निजी स्वार्थ के चलते इस क्षेत्र में बहुमंजिला व्यावसायिक अवैध निर्माण करवा रहे है। जब अवैध निर्माण पर कोई सवाल पूछा जाता है। तो जवाब देने से भागते हैं। और फोन उठाना भी बंद कर देते हैं। एक सच यह भी है कि एल.डी.ए के उक्त अधिकारी एवं सुपरवाइजर, अपने वेतन से कई गुना अधिक खर्च करते है। इनकी जांच भी ईडी या एस आई टी द्वारा कराई जाए तो सब कुछ साफ हो जाएगा।
उस से भी ज़ियादा हैरत की बात तो यह है कि जिस अधिकारी के विरुद शिकायत की जाती है। वही अधिकारी निस्तारण की रिपोर्ट लगाता है।

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