बुंदेलखंड प्रदेश के गौरवशाली इतिहास एवं सांस्कृतिक धरोहरों को नई पीढ़ी के लिए कौतूहल का विषय : जयवीर
लखनऊ। बुंदेलखंड क्षेत्रऐतिहासिक, पौराणिक और प्राकृतिक धरोहरों से संमृद्ध है। इस क्षेत्र में कई ऐसे स्थल हैं, जो पर्यटकों को इतिहास से परिचित कराते हैं। झांसी का राजकीय संग्रहालय बुंदेलखंड की ऐसी ही धरोहरों को संजोए है। संग्रहालय का पूरी तरह डिजिटलीकरण इसे औरों से अलग करता है। म्यूजियम के भीतर का नजारा एक क्षण दर्शकां को चौंकाने पर मजबूर कर देता है जैसे दर्शक किसी विदेशी सरजमीं पर खड़े हैं। डिजिटल रूप में इतिहास की जानकारी पर्यटकों खासकर युवाओं और बच्चों को खासा आकर्षित कर रहा है। यह पूरा म्यूजियम झांसी की रानी को समर्पित है। पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग पर्यटकों को आकर्षित करने और नई पीढ़ी को इतिहास से रूबरू कराने का हरसंभव प्रयास करता रहा है। झांसी के राजकीय संग्रहालय की बदली तस्वीर ने उस प्रयास को मूर्त रूप दिया है। पर्यटकों के लिए यहां बहुत कुछ नया है। आधुनिक तकनीक और डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर आगंतुकों को झांसी और बुंदेलखंड के इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। झांसीनके राजकीय संग्रहालय में आज की युवा पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास की जानकारी देने के लिए कई तरह की आधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं। प्राचीन समय के युद्ध का सजीव अनुभव कराने के लिए वर्चुअल रियलिटी वीआर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे पर्यटक खुद को प्राचीन समय में युद्ध स्थल के बीच अनुभव करते हैं। कई ऐसे डिजिटल बोर्ड हैं, जिस पर हाथ रखते ही इतिहास से जुड़ी जानकारियां आपको मिलने लगती हैं। म्यूजियम में सबसे अधिक आकर्षित एक बड़ी सी पुस्तक करती है।यह किताब बोलती भी है, जिसे छूकर बच्चे पढ़ सकते हैं। यह पुस्तक प्रोजेक्टर और सेंसर की सहायता से तैयार की गई है। यह पुस्तक नए ढंग से इतिहास को प्रस्तुत करती है। बात इतिहास की आती है, तो सिक्कों का भी अपना ही इतिहास रहा है। सिक्कों के उसी प्राचीन इतिहास को संग्रहालय में होलोग्राम के माध्यम से पेश किया गया है। घूमते सिक्कों के साथ उसका इतिहास भी बताया जाता है। संग्रहालय में एक वर्चुअल हेलीकॉप्टर है, जो बच्चों और युवाओं में कौतूहल पैदा करता है। यहां बैठकर ऐसा महसूस होता है कि आप हेलीकॉप्टर में बैठकर उड़ान भर चुके हैं। इस वर्चुअल हेलीकॉप्टर में उड़ान के आनंद के साथ शहर की मुख्य जगहों और उसके इतिहास के बारे में भी जानकारी मिलती है। बुंदेलखंड का इतिहास गौरवशाली है, वहां के वीरवीरांगनाओं की शौर्य गाथा भी पराक्रम से भरी हुयी है। झांसी राजकीय संग्रहालय का नया कलेवर उसी इतिहास को रोमांचक तरीके से नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत कर रहा है। म्यूजियम के बीचों बीच नॉलेज फाउंटेन नाम से एक सिस्टम लगा है, जहां बच्चे बड़े कोई भी अपने ज्ञान को परख रकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने म्यूजियम की तीन पूर्ण डिजिटलाइज्ड गैलरी का उद्घाटन 12 मार्च को वर्चुअली किया था। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि किसी भी देश और समाज के लिए उसका इतिहास बेहद जरूरी होता है। मौजूदा दौर में युवाओं-बच्चों को बुंदेलखंड और झांसी के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराने के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लिया गया है। पर्यटकों को आसान और मजेदार तरीके से बुंदेलखंड के इतिहास से अवगत कराया जा सके। बुंदेलखंड के वीरों की शौर्य गाथा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, यही हमारा प्रयास है। पर्यटन विभाग आगे भी ऐसी कोशिश जारी रखेगा।राजकीय संग्रहालय के उप निदेशक डॉ मनोज कुमार गौतम ने बताया, संग्रहालय का नवीनीकरण झांसी विकास प्राधिकरण ने 10 करोड़ रुपए की लागत से करवाया है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत म्यूजियम को हाईटेक बनाया गया है। संग्रहालय में वर्चुअल हेलीकॉप्टर राइडिंग के लिए औसतन 155 लोग प्रतिदिन आते हैं, मगर छुट्टियों के दिनों में इनकी संख्या बढ़ जाती है। बीते रविवार को 327 लोगों ने वर्चुअल हेलीकॉप्टर राइडिंग की। यह म्यूजियम झांसी किला के करीब है। प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 50 रुपए है। म्यूजियम में आगंतुक तमाम तरह की प्रदर्शनियों का आनंद भी ले सकते हैं।