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जैन धर्म -संस्कृति का मूल आधार अहिंसा है- आचार्य श्री

लखनऊ। आशियाना जैन मन्दिर के 22वें स्थापना दिवस समारोह के तीसरे दिन श्री दिगम्बर जैन सेवासमिति के तत्वावधान में आचार्य विशद सागर महाराज के सानिध्य में तीर्थंकर महावीर विधान का आयोजन मन्दिर में किया गया। श्रीमती कमलेश जैन -अभितोष जैन परिवार को यज्ञनायक का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुनि विशाल सागर ने मंत्रोच्चार किया। विधान के बाद आचार्य विशद सागर जैन भक्तों की शोभायात्रा के साथ महावीर स्वामी चौक (पावर हाउस चौराहे ) पर पहुँचे जहाँ महावीर कीर्ति स्तम्भ का शिलान्यास हुआ। शिलान्यास का सौभाग्य अभय शाह एवं विपिन जैन को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आचार्य विशद सागर ने कहा कि जैन धर्म -संस्कृति का मूल आधार अहिंसा है । अहिंसा एवं दया की प्रभावना जन-जन तक फैलाने के लिए भगवान महावीर के 2550 वें वर्ष पर कीर्ति स्तम्भ की स्थापना जैन समाज लिए यादगार उपलब्धि है। श्री दिगम्बर जैन सेवासमिति के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश ने समाज के सभी सहयोगियों के प्रित कृतज्ञता व्यक्त की। आयोजन में उ. प्र. जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. अभय कुमार जैन, पार्षद कौशलेन्द्र , विमल तिवारी, चौक से आदीश जैन, चारबाग से डॉ. संजीव जैन , इन्दिरानगर से अभिषेक जैन समिति के उपाध्यक्ष संजय जैन, अनुज जैन,मंत्री अजय जैन, कोषाध्यक्ष शरद कुमार जैन , महिला मण्डल की अध्यक्ष अल्पना जैन, मंत्री ऋतु जैन के साथ सभी पदाधिकारी गण एवं सदस्य शिलान्यास के आयोजन मे सहभागिता कर पुर्ण्याजन किया।

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