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हरौनी रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से एक यात्री की मौत, हंगामा

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर स्थित हरौनी रेलवे स्टेशन बंथरा पर एक पैसेंजर ट्रेन के आने की गलत सूचना से यात्रियों में भगदड़ मच गई। भगदड़ में ट्रेन की चपेट में आने से एक दैनिक यात्री की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रही खबरो में दो यात्रियों की मौत बताई जा रही थी लेकिन आधिकारिक तौर पर एक की मौत की ही पुष्टि की गई है। घटना से मौके पर हड़कंप मच गया। गुस्साए यात्रियों ने रेल मार्ग बाधित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही हरौनी रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे। लेकिन घंटो बाद तक रेलवे का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। हालांकि हादसे के बाद जिला प्रशासन की तरफ से डेढ़ लाख रुपये देने की घोषणा की गई है। वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष और रेलवे कोष की तरफ से भी मुआवजा दिया जाएगा। गुस्साए लोगों ने रेलवे ट्रैक पर रेलवे पटरी डालकर रेल मार्ग बाधित कर दिया। जिसके चलते कई ट्रेनों को अमौसी और उन्नाव में रोक लिया गया। पुष्पक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें घंटों लेट रही। इस घटना के बाद प्लेटफार्म और स्टेशन पर यात्रियों ने जमकर हंगामा काटा। यात्रियों ने नारेबाजी कर दोषी रेल कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। फिलहालहाल डीआरएम से इस बात में जब बात की गई तो वह अपना पल्ला झड़ते नजर आये। रेलवे अधिकारी बयान देने से बचकर मीडिया के कैमरे के आने से दूर भाग रहे थे। अब देखने वाली बात ये होगी की रेलवे प्रशासन क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई करेगा। जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह रेलवे ने लापरवाही दिखाते हुए मेमो पैसेंजर 64206 को गलत प्लेटफार्म पर भेजा दिया। यात्रियों ने बताया कि पहले ट्रेन के आने की सूचना प्लेटफार्म नंबर 3 पर थी लेकिन इसे अचानक ट्रेन के आने पर 4 नंबर प्लेटफार्म पर भेज दिया गया। ट्रेन के पहुँचते ही स्टेशन पर मौजूद दैनिक यात्री और मजदूरों में बैठने के लिए भगदड़ मच गई। भगदड़ के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से दो युवकों की मौत हो गई, जबकि कई के घायल होने की सूचना है। जानकारी के मुताबिक, बंथरा के लतीफ नगर निवासी प्रदीप (23) सोमवार को अपनी मां सरस्वती और पिता बाबूलाल को डॉक्टर को दिखाने के लिए घर से लखनऊ के लिए निकला था। सुबह 6रू10 बजे कानपुर से लखनऊ जाने वाली मेमू पकड़नी थी। इसी बीच ट्रेन के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आने का अनाउंसमेंट हो रहा था। प्रदीप अपने माता-पिता के साथ रेलवे ट्रैक पार कर प्लेटफॉर्म नंबर चार पर जा रहा रहा था कि अचानक मेमू ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर तीन के ट्रैक पर आ गई। इसकी चपेट में आकर प्रदीप ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि उसके माता-पिता जख्मी हो गए। यात्रियों की मौत से गुस्साए साथियों ने रेलवे ट्रैक पर पटरी डालकर रेलवे मार्ग अवरुद्ध कर दिया। यात्रियों ने रेलवे ट्रैक और स्टेशन को घेर लिया और नारेबाजी कर हंगामा काटने लगे। इसकी सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी के साथ स्थानीय बंथरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकरियों को काबू में करके रेल मार्ग शुरू कराने में जुटी रही। पुलिस बल ने यात्रियों को लाठी फटकार कर खदेड़ा और मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे से गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। पटरियां डालकर रेलवे ट्रेक बाधित कर दिया और तोड़फोड़ भी की। स्टेशन मास्टर की लापरवाही से भड़के लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग करने लगे। प्लेटफॉर्म पर शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें हटाया। सूचना पाकर करीब तीन घंटे बाद डीआरएम मौके पर पहुंचे। उन्होंने मुआवजा देने और मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तब लोग शांत हुए। ग्रामीणों ने डीआरएम को बताया कि प्रतिदिन 27 हजार एमएसटी धारक पैसेंजर यहां से सफर करते हैं लेकिन यहां यात्री सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जो ओवरब्रिज बना है, वह गलत जगह बनाया गया है, जिसके चलते वह किसी काम का नहीं है। यात्रियों की मौत के बाद उनके साथियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा था। आक्रोशित लोग ट्रेन में आग लगाने की लगातार धमकी दे रहे थे। हंगामे के चलते दर्जन भर एक्सप्रेस ट्रेनों और पैसेंजर ट्रेनों को अमौसी और उन्नाव में रोकना पड़ा। इसके चलते ट्रेने घंटों लेट हो गईं और हजारों यात्री गर्मी में परेशानी झेलते रहे। शुक्लागंज स्टेशन पर पुष्पक एक्सपेक्स खड़ी रही। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने हंगामे के चलते अप लाइन पर यात्रियों ने बेड़ी पटरियां डाल दी। वहीं कुछ लोगों ने स्टेशन मास्टर से हाथापाई भी की। ग्रामीणों ने कहा कि कई बार उचित स्थान पर ओवरब्रिज बनाने की मांग की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते ये हादसा हुआ। डीआरएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। फिलहाल घंटों चले हंगामे के बाद अफसरों की नींद टूटी और वह कार्रवाई का आश्वासन देकर चलते बने।

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