शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय कुलपति और पुलिस की मिली भगत से छात्र आक्रोशित
लखनऊ। राजधानी में पारा स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दृष्टिहीन छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति के दृष्टिहीन विरोधी नीतियों एवं राज्यपाल को दृष्टिहीनार्थ सुविधाओं से संबंधित गलत रिपोर्ट भेजे जाने के विरोध में शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर निषिथ राय भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को अपने साथ लेकर आन्दोलनकारी छात्रों से बात करने आए। बातचीत के दौरान कुलपति ने मुख्य विषय पर बात न करते हुए छात्रों को गुमराह करने व धमकाने का प्रयास किया। कुलपति के साथ वार्ता विफल होने पर दृष्टिहीन छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रखने की स्थिति में मोहान पुलिस चौकी के प्रभारी विजय सिंह द्वारा आन्दोलनकारी छात्रों के बीच आकर उनपर आन्दोलन समाप्त करने का दबाव बनाया गया, ऐसा न किए जाने की स्थिति में पारा थाना के एसओ के संरक्षण में भारी संख्या में पुलिस बल बुलवाकर आन्दोलनकारी दृष्टिहीन छात्रों को जबरदस्ती गिरफ्तारी देने हेतु मोहान चौकी ले जाया गया। चौकी में ले जाकर पुलिस कर्मियों द्वारा दृष्टिहीन छात्रों की बरबरतापूर्वक पिटाई की गई तथा सभी छात्रों के मोबाइल फोन को छीनकर फोन में उपस्थित ऑडियो और विडियो को नष्ट करने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं मार-पिटाई के दौरान मोहान चौकी के प्रभारी विजय सिंह द्वारा कई दृष्टिहीन छात्रों के पैसे भी छीन लिए गए तथा कुछ छात्रों के रिकॉर्डिंग उपकरण भी छीन लिए गए, जिसका प्रयोग छात्रों द्वारा अपने शिक्षण कार्य में सहयोग हेतु किया जाता है। संपूर्ण प्रकरण से ऐसा प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर निषिथ राय और पारा पुलिस थाना के एसओ सहित मोहान चौकी के इन्चार्ज एवं उनके टीम द्वारा विश्वविद्यालय में हो रहे व्याप्त भ्रष्टाचार एवं दृष्टिहीन विरोधि नीतियों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। दृष्टिहीन छात्रों ने दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्रालय से मांग करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति को तुरंत बरखास्त कर उनकी इस पद पर नियुक्ति से लेकर वर्तमान समय तक के विश्वविद्यालय के संपूर्ण प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही पारा थाना एवं मोहान पुलिस चौकी के प्रभारी सहित आज के प्रकरण में शामिल समस्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए।