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ड्यूटी पर इन तीन पुलिस कर्मियों ने गवां दी जान,

सीएम कल पुलिस स्मृति दिवस पर परिजनों को करेंगे सम्मानित
लखनऊ (यूएनएस)। पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस ड्यूटी के दौरान कर्तव्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। साथ ही उनके परिजनों को सम्मानित करेंगे। लखनऊ पुलिस लाइन में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिस कर्मियों की याद में हर साल यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यूपी में 1 सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 के बीच दो जिलों में तैनात रहे तीन पुलिस कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गवां दी थी। उन पुलिस कर्मियों की शौर्य गाथा को स्मृति दिवस पर प्रस्तुत करने के साथ उनके परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की सुरक्षा में 26 अगस्त 2021 को सिपाही संदीप निषाद और सिपाही राघवेंद्र सिंह को छह फरवरी 2023 को कार्बाइन के की सुरक्षा ड्यूटी में लगाया गया था। 24 फरवरी 2023 को शाम लगभग पांच बजे प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय बाजार निवासी उमेश पाल के साथ सुरक्षा में तैनात थे। यह लोग जैसे ही उमेश के घर के सामने गाड़ी रोककर उतरे उसी वक्त अज्ञात लोगों ने फायरिंग करते हुये बमबाजी शुरू कर दी। उस फायरिंग और बमबाजी से उमेश पाल को बचाते हुए गनर संदीप निषाद और राघवेन्द्र सिंह गम्भीर रूप से घायल हो गये। हमले में घायल उमेश पाल को परिजनों द्वारा नजदीकी नरायण स्वरूप हास्पिटल ले जाया गया। वहीं दोनों घायल सिपाहियों को पुलिस ने एसआरएन हास्पिटल ले गई। जहां इलाज के दौरान सिपाही संदीप निषाद की उसी रात मौत हो गई। जबकि सिपाही राघवेन्द्र सिंह की हालत को देखते हुए 26 फरवरी को लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर कर दिया गया। जहां उनकी 1मार्च को मौत हो गई। जालौन में रात्रि गस्त के दौरान सिपाही भेदजीत सिंह की अपराधियों को पकड़ने की कोशिश में शहीद हो गए। सिपाही भेदजीत सिंह कोतवाली नगर उरई की चौकी हाईवे पर तैनात थे। 10 मई 2023 को दो अज्ञात बाइक सवार युवकों को झांसी की ओर उल्टी दिशा में जा रहे थे। सिपाही ने संदिग्ध गतिविधि देखते हुए दोनों को रोकने की कोशिश की। उनके न रूकने पर अपनी बाइक से पीछा किया। बाइक सवार बदमाशों ने पकड़े जाने की आशंका पर भेदजीत सिंह पर धारदार और किसी भारी हथियार से हमला बोल दिया। जिससे गंभीर रूप से घायल होने पर उनकी मौत हो गई थी। कर्तव्यपालन के दौरान संवेदनशीलता, समर्पण और त्याग का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करने वाले शहीद पुलिस कार्मिकों की स्मृति में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम उन वीर शहीद पुलिसजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र व समाज की रक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते प्राणों की आहुति दी है। 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जनहीन क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान नियमित गश्त पर निकले थे। जिन पर रायफलों और मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों ने छलपूर्वक एम्बुश लगाकर अचानक हमला कर दिया। चीनी सैनिकों से मुकाबला करने के दौरान सभी बहादुर जवान शहीद हो गए थे। इन्हीं वीर जवानों के बलिदान को याद करते हुए कर्तव्यपथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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