लखनऊ। लखनऊ स्थित दिलकुशा कोठी में आदाब अर्ज लखनऊ द्वारा दिलकुशा उद्यान और विलायती बाग में एक हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। जो लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने का काम करता है। इस वॉक का मुख्य उद्देश्य लोगों को लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों और उनके महत्व से परिचित कराना था। हेरिटेज वॉक का संचालन सेवानिवृत्त आईएफएस मोहम्मद अहसान ने किया। उन्होंने दिलकुशा कोठी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तार से जानकारी दी। मोहम्मद अहसान ने बताया कि दिलकुशा कोठी का निर्माण सआदत अली खान ने कराया था और इसे गोर ओसले ने पल्लाडियन शैली में डिजाइन किया था। 1857 के विद्रोह के दौरान यह इमारत कई महत्वपूर्ण घटनाओं की गवाह बनी और 1860 के दशक में यह नई छावनी का केंद्र बन गई। हालांकि, समय के साथ इसकी स्थिति बिगड़ गई और अब यहां हरियाली और तितलियों का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। इस वॉक के दौरान सेवानिवृत्त आईआरटीएस एके श्रीवास्तव ने भी दिलकुशा कोठी के ऐतिहासिक पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि दिलकुशा कोठी गाजी उद दीन हैदर ने अपनी अंग्रेज पत्नी, सुल्तान मरियम बेगम के लिए बनवाया था।हेरिटेज वॉक हमें गोमती नदी के किनारे ले गई, जो इस ऐतिहासिक क्षेत्र की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। इस वॉक में आदाब अर्ज लखनऊ की संस्थापक इफ्फत खान के साथ रेखा कुमार, अजेश जायसवाल, इमराना अजमत, नेहा प्रवीण, रोशन सिंह, मनीष सक्सेना, आमिर रजा और श्रीवास्तव जैसे कई सदस्य शामिल हुए। यह वॉक लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी थी और सभी प्रतिभागियों ने लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर के साथ एक अद्भुत अनुभव साझा किया। ऐसे आयोजनों से न केवल लखनऊ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर मिलता है, बल्कि ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता भी स्पष्ट होती है। आदाब अर्ज लखनऊ के इस प्रयास ने लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर को नई पीढ़ी के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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