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वर्क टू रूल’’ जारी, राजकीय वाहन चालकों ने कैन्डिल मार्च निकाला

लखनऊ। आन्दोलन के बीस दिन बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा राजकीय वाहन चालकों की मांगों पर विचार न होन से आहत राजकीय वाहन चालकों ने आज राजभवन गेट के सामने से गांधी प्रतिमा तक कैन्डिल मार्च कर अपना विरोध दर्ज कराया। बीस सितम्बर से चल रहा राजकीय वाहन चालक महासंघ का आन्दोलन अब वर्क टू रूल बदल चुका है। कैन्डिल मार्च से पूर्व पीडब्लूडी मुख्यालय मंें महासंघ के अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय की अध्यक्षता में आमसभा का आयोजन किया गया। जिसे सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी पीड़ा दायक है। ऐसा लगता है जैसे सरकार हमें अपना हिस्सा ही नही मान रही है। सिंचाई विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी ने कहा कि ‘‘ वर्क टू रूल’’ आन्दोलन से वाणिज्यकर विभाग के सचल दस्ते न चलने से सातवे दिन तक लगभग 2200 करोड़ की राजस्व वसूली प्रभावित होने की सम्भावना वाणिज्यकर विभगा के महामंत्री प्रेम प्रकाश ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार को अतिशीघ्र प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता कर मांगों का निस्तारण करना चाहिए।महासंघ के सलाहकार त्रिलोक सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग सहित समस्त राजकीय विभागों में वर्क टू रूल शतप्रतिशत सफल है। उन्होंने बताया कि यह आन्दोलन लोक निर्माण विभाग के प्लांटों एवं प्रवर्तन दलों के कारण सरकार की गड्डा मुक्ति अभियान एवं राजस्व वसूली प्रभावित हो रही उन्होंने यह भी बताया कि पुरानी पेंशन बचाओं आन्दोलन के तहत 25,26 और 27 के कार्य बहिष्कार में राजकीय वाहन चालक महासंघ शामिल रहेगा। महामंत्री मिठाई, सिंचाई विभाग के प्रमोद कुमार नेगी, शकील अहमद, कृषि विभाग के जे.पी. यादव, कैलास सिंह ने पूरे प्रदेश की समीक्षा के उपरान्त बताया कि आन्देालन शत प्रतिशत सफल हैै। उन्होंने कहा कि आन्दोलन को धार देने पर ही सरकार हमारी मांगे सुनेगी इसलिए आन्दोलन को तेज करना चाहिए।
लोनिवि के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह और संगठन मंत्री रमेश सिंह ने बताया कि महासंघ की मुख्य मांगों में उ.प्र. राजकीय वाहन चालकों को मौलिक नियुक्ति का ग्रेड वेतन 1900 के स्थान पर 2000 रूपये ,उत्तराखण्ड सरकार की भाति राजकीय वाहन चालकों की प्रतिषत व्यवस्था को समाप्त करने, स्टाॅफ कार चालक पदोन्नति स्कीम से अनुपात हटाये जाने।चालकों के रिक्त पदो पर भर्ती,पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली, सरकारी गाड़ी का बीमा कराने, सरकारी गाड़ी सफाई का भत्ता चालक को दिये जाने, चालक पद पर भर्ती नियम में संशोधन किये जाने, सरकारी वाहन का दुरूप्रयोग करना बन्द किये जाने, निजी गाड़ियों को टैक्सी में चलाना बंद कराने, चालकों के भत्ते एवं समयोपरि भत्ते की बढ़ोत्तरी के अनुसार किये जाने, इन्टर मीडियट राजकीय वाहन चालकों को लिपिक या अन्य संवर्ग में 20 प्रतिषत आरक्षण सुनिश्चित किये जाने और राजकीय वाहन चालकों से सम्बंधित समस्त शासनादेष निगमों, परिषदों,स्थानीय निकायों, कारपोरेशन व प्राधिकरणों में यथावत लागू किये जाने और निर्वाचन डियुटी के दौरान राजकीय वाहन की मरम्मत हेतु विभागीय मद से देय धनराशि को 1000 की जगह 5000 दिये जाने की मांग शामिल है। केन्डिल मार्च में शकील अहमद, ओपी तिवारी, सुशील कुमार सिंह, सरवर अली, वीरेन्द्र सिंह, अरविन्द सिंह बिष्ट, गोपाल अनिल कुमार मिश्रा रामनरेश मौर्या, सोहन यादव, मोहन गुप्ता, शशिकांत राय, सुशील कुमार सिंह, सूरज यादव, प्रेमप्रकाश, राजकुमार गुप्ता, निर्मल कुमार सोनकर, रामशंकर यादव शामिल रहे।

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