Home > स्थानीय समाचार > सी एम ओ कार्यलय के भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण मैं चल रहे है अवैध एवम मानकों के खिलाफ अस्पताल

सी एम ओ कार्यलय के भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण मैं चल रहे है अवैध एवम मानकों के खिलाफ अस्पताल

लखनऊ । राजधानी लखनऊ मैं ऐसा लगता है जैसे अस्पतालों की बाँध सी आ गयी है । सुत्रानुसार लखनऊ मैं लगभग 800 अस्पताल सी एम ओ कार्यालय के भ्रष्ट अधिकरियों एवम अस्पतालों के मालिकों की मिली भगत से बेखौफ तरीके से बिना रजिस्ट्रेशन एवम आवश्यक मनकों को पूरा किये बिना भोली भाली जनता को लूट रहे है। यह सब स्वास्थ्य अधिकरियों की सोची समझी एक रणनीति के तहत हो रहा है । पहले तो अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के प्रति अधिकारी जानबूझ कर आँखेँ बंद किये रहते है । जब कोई शिकायत होती है तो उस अस्पताल पर छापा मारकर उनको कुछ दिनोँ के लिये बंद किय जाता है । मीडिया मैं प्रकाशित किया जाता है कि अस्पताल को सील कर कारवाही कर दी गयी है । बस यहीँ से होता है सी एम ओ कार्यालय के अधिकरियों भ्रष्ट कारनामों का खेल । सीलिंग के बाद अस्पताल मालिकों के साथ मिलीभगत करके मीडिया की सुर्खियों मैं रहते है फिर अँदर ही अँदर चलता है अवैध अस्पताल को वैध करने का खेल । गौरतलब ये है कि सीलिंग के बाद भी अस्पताल इनकी मिलीभगत से चलता रहता है । केवल मीडिया को सीलिंग के नाम पर गुमराह किया जाता है । बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पताल को तुरंत सील करके थाने मैं मुकदमा दर्ज कराया जाना चहिये । तत्पश्चात कोई दूसरी कार्यवाही करनी चाहिये । ऐसा नही किया जाता है । बल्कि अस्पताल मालिक को आपसी मिलीभगत से बचने पूरा मौका दिया जाता है और रजिस्ट्रेशन हेतु बैक डेट मे आवेदन करा कर अस्पताल माफियों को बचाने का प्रयास सी एम ओ कार्यालय के अधिकारियों द्वारा किया जाता है । गौरतलब यह है कि राजधानी मैं सुत्रानुसार लगभग 60% अस्पताल मानकों के खिलाफ चल रहे है । सी एम ओ कार्यालय के ये भ्रष्ट अधिकारी अपनी आँखेँ बंद किये क्योँ बैठे है ? ये अधिकारी मानकों की खिलाफ चल रहे अस्पतालों के खिलाफ अभियान क्योँ नही चलाते है ? केवल शिकायत आने पर ही अधूरी कार्यवाही क्योँ की जाती है ? क्या ये अधिकारी भोली भाली जनता को अस्पताल मालिकों के साथ मिलकर गुमराह करने तथा आर्थिक एवम उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का संगीन अपराध नही कर रहे है । आखिर ऐसे अधिकरियों के खिलाफ कार्यवाही क्योँ नहीँ हो रही है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *