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अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों के पेंशन प्राविधानों में संशोधन का आदेश जारी

लखनऊ आरएनएस | शिक्षक भाग्य विधाता होता है ईश्वर के साथ ही छात्र अपने अध्यापकों को भी अपने अराध्य देव की भांति मान-सम्मान दें, ऐसी संस्कृति छात्रों में विकसित होनी चाहिए। यह तभी सम्भव है जब शिक्षकगण पूरी निष्ठा, लगन एवं नियमितता तथा समयबद्धता के साथ अध्यापन कार्य करें।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने यह विचार आज यहां सचिवालय में माध्यमिक शिक्षक संघ के विभिन्न प्रतिनिधि मण्डलों के साथ विचार विमर्श करने के लिए आयोजित बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि शिक्षक संघ व प्रबन्धन तंत्र विद्यालयों में न्यूनतम 220 दिवस तक पाठ्यक्रम संचालित करने एवं सम्पूर्ण पाठ्यक्रम 200 शिक्षण दिवसों में पूर्ण करने में सहयोग प्रदान करें। पाठ्यक्रम पूर्ण करने के बाद शेष 20 शिक्षण दिवसों में कमजोर बच्चों को पाठ्यक्रम का पुनः अभ्यास कराने में समय दिया जाए। इस तरह अध्यापक छात्रों के सर्वांगीण विकास में योगदान प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता तथा नियमितता लाने हेतु शैक्षिक कलेण्डर जारी किया जायेगा तथा विद्यार्थी पंजीकरण हेतु आधार अनिवार्य होगा।
अगले सत्र से नकलमुक्त परीक्षा आयोजित करने में शिक्षक संघ एवं प्रबन्ध तंत्र से शतप्रतिशत सहयोग की अपेक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल को तभी रोका जा सकता है जब शिक्षक, प्रबन्धन तंत्र एवं शिक्षक संघ इस कार्य में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि सरकार नकल रोकने के लिए कृत संकल्प है तथा इसके लिए आॅनलाइन परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए अभी से कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण हो सके। उन्होंने बताया कि सी0सी0टी0वी विहीन विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जायेगा और स्वकेन्द्र प्रणाली समाप्त की जायेगी।  वित्त विहीन विद्यालयों को 7क-क के अन्तर्गत मान्यता दिये जाने में अनियमितता की शिकायत पर उप मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से विद्यालयों को नवीन मान्यता दिये जाने पर रोक लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी वित्त विहीन विद्यालय अपने शिक्षकों को आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से वेतन का भुगतान करें तथा सभी शिक्षकों का रिकार्ड रखें कि वह विद्यालय में कब से अध्यापन कार्य कर रहें हैं। इसके साथ ही नियुक्ति के समय शैक्षिक आर्हता का पूरा पालन किया जाये। उन्होंने कहा कि एन0सी0आई0आर0टी0 के पैटर्न पर पाठ्यक्रम के निर्धारण पर विचार किया जा रहा है। श्री शर्मा ने बताया कि वित्त विहीन शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु सेवा नियमावली बनायी जायेगी। उन्होंने बताया कि सरकार प्राइवेट विद्यालयों द्वारा मनमाने ढ़ंग से फीस लिये जाने पर प्रभावी नियंत्रण के लिए दिशा निर्देश तैयार कर रही है। उन्होंने महिला शिक्षकों को ‘चाइल्ड केयर लीव’ सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये तथा उन्होंने बताया कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी शीघ्र दूर की जायेगी तथा शैक्षिक गुणवत्ता एवं शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी।  उप मुख्यमंत्री ने बताया कि उ0प्र0 सरकार ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों/कर्मचारियों की पेंशन/उपादान/ पारिवारिक पेंशन के प्राविधानों में वेतन समिति उ0प्र0-2016 की संस्तुति के आधार पर संशोधन कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था उन अशासकीय  सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों/कर्मचारियों पर लागू होगी जो दिनांक 01 जनवरी, 2016 को अथवा उसके उपरान्त सेवानिवृत्त हुए है।
आज बैठक में प्रबन्धन तंत्र एवं शिक्षक संघ द्वारा विद्यालयों में अध्यापकों की कमी राज्य कर्मचारी की भांति चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, 7क-क के अन्तर्गत विद्यालयों को मान्यता दिये जाने पर रोक लगाने, महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव सुनिश्चित कराना, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करना, प्रबन्धकों को प्रबन्धन तंत्र द्वारा अध्यापकों पर न्यूनतम नियंत्रण का अधिकार दिये जाने तथा अन्य मुद्दों को भी उठाया गया तथा पाठ्यक्रम में योग संगीत नृत्य तथा ध्यान आदि विषयों को शामिल करने के साथ-साथ ओजपूर्ण कविताएं पाठ्यक्रम में शामिल करने की अपील की।  उप मुख्यमंत्री ने बैठक में उठाये गये मुद्दों पर सकारात्मक विचार करते हुए हर सम्भव कदम उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने शिक्षा विभाग के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने हेतु तीन वर्ष से एक ही स्थान पर जमे लिपिकों को स्थानान्तरण किये जाने की निर्देश दिये। आज की बैठक में माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री संदीप सिंह प्रमुख सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री ए0एन0 वर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिक्षक संघ की ओर से माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश शर्मा, चन्देल गुट के प्रदेश अध्यक्ष श्री चेत नारायण सिंह, उ0प्र0 विद्यालय प्रबन्धक महासभा के अध्यक्ष श्री राकेश प्रताप सिंह, उ0प्र0 वित्त विहीन शिक्षक महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उमेश द्विवेदी, पाण्डेय गुट के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर नाथ सिंह, राजकीय शिक्षक संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री पारसनाथ पाण्डेय के अलावा 13 संघों के प्रतिनिधियों ने उप मुख्यमंत्री के समक्ष अपने विचार रखें।

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