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आशाओं का प्रशिक्षण सम्पन्न


भरेंगी कम्यूनिटी बेस्ड असेस्मेंट चेकलिस्ट (सी बैक) फार्म
लखनऊ । अब भारत सरकार ने गैर संचारी रोगों जैसे कैंसर, मधुमेह तथा हाई ब्लड प्रेशर के लिए 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों की जांच करवाने का निर्णय लिया है | यह आशाओं की मदद से किया जाएगा |
आशा एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों की सूची बनाएगी | यह संख्या लगभग 370 होती है | इन सभी लोगों के सी बैक फोरम आशाओं द्वारा भए जाएंगे | इसके आधार पर जिन्हें अधिक नंबर मिलेंगे, उनकी जांच पहले की जाएगी, लेकिन जांच (स्क्रीनिंग) सभी की होगी | यह बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने आशाओं के 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं | यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 मई से प्रारम्भ हुआ था | इस प्रशिक्षण में लखनऊ के 5 सामुदायक स्वास्थ्य केन्द्रों मोहनलालगंज, सरोजनीनगर, मलीहाबाद, गोसाईगंज तथा इतौञ्जा की 6-6 आशाओं ने प्रतिभाग किया |
डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि गैर संचारी रोग जिसे लंबे समय तक चलने वाला रोग भी कहा जाता है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं लगते | बीमारी होने में लंबा समय लगता है और शुरू में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते |इनका इलाज वर्षों तक और कुछ मामलों में पूरे जीवन काल तक चलता रहता है | ऐसे अनेक रोग हैं जो इस समूह के अधीन आते हैं |
गैर संचारी रोगों के प्रमुख प्रकार हैं मधुमेह, हृदय रोग, लकवा, कैंसर तथा चिर कालिक श्वसन रोग | पुरुष, महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग लंबे समय तक इन रोगों के शिकार होते हैं | इनमें से कुछ रोग धीमी गति से बढ़ते हैं अथवा ऐसे चिरकालिक लक्षण पैदा करते हैं जिनकी लंबे समय तक देखभाल और नियंत्रण रखना पड़ता है, जबकि कुछ अन्य रोग तेजी से बढ़ते हैं |
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि देश में गैर संचारी रोग समय पूर्व मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं | भारत में इस समय जितनी मृत्यु होती हैं उसका 60% से अधिक गैर संचारी रोगों के कारण हो रही हैं | इन मृत्यु के चार प्रमुख कारण हैं-हृदय रोग, लकवा तथा उच्च रक्तचाप, चिरकालिक श्वसन रोग, कैंसर तथा मधुमेह |
एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ. आर के चौधरी ने बताया कि आशाएँ अपनी एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का सी बैक फार्म भरेंगी | एक हज़ार की आबादी में सामान्यतः 370 व्यक्ति 30 वर्ष से ऊपर के होते हैं | इन सभी का सी बैक फार्म भरा जाएगा जिसके आधार पर उनमें रोग होने की संभावना का पता चलेगा | जो व्यक्ति ज्यादा संदेह के घेरे में होंगे उनकी पहले जांच की जाएगी | सभी लोगों की वर्ष में एक बार मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे तथा कैंसर के लिए गाँव में ही जांच की जाएगी |
प्रशिक्षण डॉ. एसके सक्सेना, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार यादव, तथा गैर सरकारी संगठन की सोनी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया |

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