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आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में शुरू हुई पेपरलैस न्याय प्रणाली

रंजीव ठाकुर
लखनऊ । ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिएशन, लखनऊ के तत्वावधान में आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल, लखनऊ द्वारा न्यायालय के “डिजिटलाईजेशन” अर्थात “पेपरलेस न्याय-प्रणाली” का उद्घाटन समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में माननीय अधिकरण के विभागाध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह के साथ एयर मार्शल अनिल चोपड़ा पी.वी.एस.एम्. ए.वी.एस.एम्., वी.एम्., वी.एस.एम्., लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण, पी.वी.एस.एम्व यू.वाई.एस.एम्., ए.वी.एस.एम्., वी.एस.एम्., ए.डी.सी. एवं रजिस्ट्रार लेफ्टिनेंट कर्नल सिमित कुमार शामिल हुए। बार की तरफ से डा.सी.एन.सिंह ने उनका स्वागत किया ।   उद्घाटन समारोह का शुभारम्भ बार के हाल में डिजिटल स्कैनिंग-मशीन का फीता काटकर एवं बटन दबाकर न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह ने किया । बार की तरफ से “डिजिटलाईजेशन” की स्मृति-स्वरूप तीन वृक्ष देकर “डिजिटल वृक्ष-वाटिका” रोपित कराई गई। न्यायमूर्ति डी.पी.सिंह जी को “पाकड़” का वृक्ष बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने दिया उसके बाद, बार-बेंच के सभी पदाधिकारी रजिस्ट्री गये । जनरल सेक्रेटरी ने पहला “डिजिटल-केश” दायर करके इस अभियान का शुभारम्भ किया। विभागाध्यक्ष न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह ने बताया कि “पेपर-लेस न्याय-प्रणाली” बदलती तकनीकों का न्यायालय के साथ समंजस्य स्थापित करने का एक अभूतपूर्व प्रयास है और इसे न्यायपालिका को शीघ्रातिशीघ्र अपनाने के जरूरत है और ए.ऍफ़.टी.लखनऊ पहला है जिसने इस व्यवस्था को स्वीकार किया । उन्होंने बताया कि ए.ऍफ़.टी.बार ने इस प्रयास को सफल बनाने में अप्रतिम सहयोग दिया अन्यथा इसे लागू कर पाना मुश्किल हो जाता। रजिस्ट्रार लेफ्टिनेंट कर्नल सिमित कुमार एवं रजिस्ट्री के कर्मचारियों ने अथक श्रम किया। बार के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस प्रयास को सफल बनाने के लिए विभागाध्यक्ष ने एयर मार्शल अनिल चोपड़ा पी.वी.एस.एम्. ए.वी.एस.एम्., वी.एम्., वी.एस.एम्. को पूरी जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसके लिए एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने ए.ऍफ़.टी.बार से कई दौर सफल वार्ता की और बार द्वारा उठाई गयी चिन्ताओ का समाधान करने के पश्चात इसे लागू करने का निश्चय किया गया। “डिजिटलाईजेशन” को लागू करने के पूर्व अधिवक्ताओं, न्यायालयों एवं न्यायिक कर्मचारियों की समस्याओं पर पूरा ध्यान रखा गया है । भविष्य में इसे संशोधित, संवर्धित एवं परिमार्जित किया जाता रहेगा जिससे कि यह व्यवस्था न्यायपालिका और बार पर अतिरिक्त दबाव का कारण न बने। यह व्यवस्था पर्यारण-मित्र, अनावश्य फाईलों के रख-रखाव एवं उनके बोझ से छुटकारा दिलाने में सहायक, वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों को आनलाईन अपने केश की स्टडी में सहायक होगी। ट्रिब्यूनल एस.एम्.एस. सुविधा का भी शुभारम्भ करके अपने हाई-टेक होने के प्रयास को जारी रखेगा. विजय पाण्डेय ने मिडिया कर्मियों को आश्वस्त किया कि किसी को भी इस व्यवस्था से घबराने के आवश्यकता नहीं है। यह पूरी तरह से सहज और स्वीकार्य होगी बार इस पर नजर रखेगी । उन्होंने अन्य बारों से अपील की कि उन्हें भी आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल बार एसिसिएशन से प्रेरणा लेकर न्यायपालिका को पेपरलेस बनाने की तरफ कार्य करना चाहिए जिससे भविष्य की न्यायपालिका के मार्ग को प्रसस्त करने में मदद मिल सके सके । बार की युवा सदस्या कविता सिंह ने कहा कि महिला अधिवक्ताओं को तकनीक को स्वीकार करने के लिए आगे आना चाहिए । बार की वरिष्ठ अधिवक्ता दीप्ती बाजपेयी ने इस पूरी प्रक्रिया को दूरगामी प्रभाव डालने वाला बताते हुए महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा की न्यायपालिका को भविष्य में भी तकनीकों को स्वीकार करने में पीछे नहीं रहना चाहिए। उद्घाटन समारोह में उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, संयुक्त-सचिव पंकज कुमार शुक्ला, कोश्ध्यक्ष विशाल भटनागर, कार्यकारिणी सदस्य अनुराग मिश्रा, विनय कुमार पाण्डेय, मिस.कविता सिंह, कविता मिश्रा एवं पारिजात बेलोरा एवं बार के सदस्यों में पूर्व जनरल सेक्रेटरी डी.एस.तिवारी, कर्नल अशोक कुमार, वी.पी.पाण्डेय, के.के.सिंह बिस्ट, के.के.मिश्रा, यशपाल सिंह, कर्नल राकेश जौहरी, कर्नल वाई.आर.शर्मा, कर्नल आर.एन सिंह, डा.आशीष अस्थाना, वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा, आलोक माथुर, मुकुंद तिवारी, निशांत वर्मा, वीर राघव चौबे, राजीव पाण्डेय, रोहित कुमार, आशीष कुमार, राजीव सिंह, राजकुमार सिंह, शैलेन्द्र कुमार शर्मा अटल, आशीष अग्निहोत्री, अमित जायसवाल, सूर्य भान सिंह, मनोज कुमार अवस्थी, राजीव गुप्ता, दीपक आदि उपस्थित रहे ।

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