लखनऊ, (यूएनएस)। अकबर नगर मामले में सुनवाई की डेट एक बार फिर बढ़ गई है। अब 7 फरवरी को सुनवाई होगी। पहले 22 जनवरी को सुनवाई होनी थी लेकिन दो दिन का डेट बढ़ा दिया गया था। फिर से स्टे बढ़ गया है। एलडीए, नगर निगम, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम 21 दिसंबर को यहां बने करीब 1100 आवास और 100 से ज्यादा दुकानों को तोड़ने के लिए पहुंची थी। लेकिन उस दौरान कोर्ट ने स्टे दे दिया था। तब कहा गया था कि इतनी ठंड में बिना कोई उचित व्यवस्था किए लोगों को वहां से हटाने की इतनी जल्दी क्यों है। तभी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ की बेंच ने स्टे दे दिया था। उसमें एक महीने तक कार्रवाई पर रोक लगी थी। उसके बाद 22 जनवरी को सुनवाई होनी थी। उसके बाद सुनवाई 24 जनवरी तक बढ़ी। एलडीए ने अकबर नगर इलाके में 1169 मकान और 112 दुकानों को अवैध बताया गया था। मामले में करीब 200 लोग याचिका दाखिल कर चुके हैं। कोर्ट के फैसले में स्टे देते हुए राइट टू लाइफ का जिक्र किया गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को नजीर बनाया गया है। इसमें 1985 में बॉम्बे नगर निगम और अन्य के फैसले में राइट टू लाइफ का जिक्र करते हुए रहने का अधिकार दिया गया था। इसमें यह भी कहा गया है कि इतनी ठंड में लोगों को बेघर करने की इतनी जल्दी क्यों है। एलडीए की तरफ से कोर्ट में जब कहा कि हम ये अवैध कब्जा है तो कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि मानवता नाम की भी कोई चीज होती है। ये लोग 50 सालों से यहां बसे हुए हैं। ना तो कोई नोटिस दिया गया और तुरंत बुलडोजर चला रहे हैं। इसलिए 22 तारीख को मामले में फिर सुनवाई होगी। अकबर नगर में पिछले 3 पीढ़ी से लोग रहते आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अभी तक हम लोग बिजली , पानी , सीवर का बिल भरते आए हैं। यहां तक की सरकारी खर्च में यहां सड़क बनी है। मतदाता सूची में यहां के लोगों का नाम है। विधायक से लेकर मंत्री तक यहां आते रहे हैं। अब यह जगह अचानक अवैध अतिक्रमण में कैसे शामिल हो गई है।