Home > स्थानीय समाचार > अगला युद्ध कैमिकल और गैसों से होगा

अगला युद्ध कैमिकल और गैसों से होगा

लखनऊ | अगला युद्ध टैकों, बंदूकों या दूसरे हथियारों से नहीं बल्कि कैमिकल्स और गैसों से लड़ा जाएगा। इसलिए अब जरूरी है कि सेंसर्स पर रिसर्च की जाए। इस पर रिसर्च हो की अगर कैमिकल या गैसों से हमला हुआ तो उससे कैसे बचा जा सके। यह बात राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाईपर) के निदेशक प्रो. एसजेएस फ्लोरा ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट द्वारा वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ पर आयोजित कार्यक्रम में कही। डॉ. फ्लोरा ने दिन प्रतिदिन पानी में बढ़ते आर्सेनिक पर चिंता व्यक्त की कि बंगाल के कई जगहों पर आर्सेनिक के कारण लोगों का पलायन हो चुका है। यूपी में भी ईस्टर्न यूपी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इस पर जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो हालात बेकाबू हो जाएंगे।

80 प्रतिशत बीमारियों का कारण गंदा पानी

न्यू मिलेनियम स्कूल गोमती नगर में आयोजित इस कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के रिसर्च काउंसिल के चेयरमैन प्रो. विभूति राय ने कहा कि एक रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि जितनी भी बीमारियां हैं उनमें से् 80 प्रतिशत बीमारियां गंदे पानी के कारण होती हैं। इसलिए जरूरी है कि पानी साफ हो। उन्होंने कहा कि कई लोगों को पता ही नहीं चलता कि वह गंभीर बीमारी की चपेट में कैसे आ गए। जबकि उनकी लाइफ स्टाइल बहुत संतुलित होती है। इसका कारण साफ है। यही गंदा पानी पेड़ों और पौधों में जा रहा है। उनमें लगने वाले फल और सब्जियां प्रदूषित हो जाती हैं। अनाजों में सिंचाई से यही पानी जा रहा है। जो शरीर के लिए स्लो पॉइजन का काम करता है। प्रो. विभूति ने बताया कि उनके विभाग द्वारा की गई रिसर्च में लखनऊ और उसके आस पास इलाकों से 1700 सैंपल लिए गए थे। आश्चर्य की बात रही की सभी सैंपल फेल हुए। उनमें पेस्टीसाइट्स और इंसेक्टिसाइट्स की मात्रा बहुत अधिक पाई गई। जिससे साफ है कि यह पानी के रास्ते मनुष्य के शरीर में सीधे जा रहा है। उन्होंने बताया कि आओ का पानी भी पीने लायक नहीं होता है। आरओ पानी में मौजूद कई जरूरी तत्वों को भी बाहर निकाल देता है जिसके मनुष्य के शरीर को आवश्यकता होती है। वह जरूरी तत्व शरीर को नहीं मिल पाते हैं और उससे उसमें कई बीमारियां हो जाती हैं। पांच साल तक आरओ का लगातार पानी पीने वालों को भी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। इस मौके पर डॉ. भाष्कर भट्टाचार्य, एके पाण्डेय, केके गुप्ता, एएम खान, सहित कई विशेषजों ने उनकी राय रखी। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत आईआईडीएम की फाउंडर डॉ. मीता सिंह ने किया। आईआईडीएम के डायरेक्टर डॉ. कृष्ण गोपाल दुबे ने अतिथियों को धन्यवाद दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *