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ए ई एफ आई कार्यशाला सम्पन्न

लखनऊ ।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में 26 नवंबर से होने वाले मिजिल्स रूबेला अभियान के संबंध मे ए ई एफ आई कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्यशाला में सभी 27 टीकाकरण यूनिट के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ,नोडल अधिकारियों तथा डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। वर्कशॉप का प्रारंभ करते हुए एस एम ओ एनपीएसपी डॉ सुरभि त्रिपाठी ने बताया कि एक मिलियन में एक बच्चे को ए ई एफ आई होने की संभावना रहती है ,जिसके लिए हमें पूरी तरह तैयार रहना होगा ।उन्होंने बताया कि एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन अर्थात टीकाकरण के बाद यदि कोई अप्रिय घटना होती है ,तो उसे कहा जाता है , जिसके लिए सभी यूनिट को पूरी तरह तैयार रहना होगा ।इसके लिए चिकित्सा अधिकारियों को नामित किया जाएगा और ऐसे मरीजों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में, जिन्हें रेफरल सेंटर बनाया गया है, वहां भेजना होगा ।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर एम के सिंह ने बताया कि एई एफ आई से निपटने के लिए सभी टीकाकरण कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा प्रत्येक वैक्सीनेटर को एक किट दी जाएगी जिससे वे किसी भी अप्रिय स्थिति में बच्चों का प्राथमिक उपचार कर सकें ।कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ एस के सक्सेना ने बताया कि ए ई एफ आई की स्थिति में 108 ,102 की रोगी वाहन का उपयोग किया जा सकता है ,जिसके लिए जीवीके ईएम आर आई के लखनऊ के कार्यकारी अधिकारी का मोबाइल नंबर भी सभी यूनिट प्रभारियों को उपलब्ध कराया गया ।उन्होंने बताया कि यदि किसी स्कूल में 3/4 हजार बच्चों का लक्ष्य होगा तो वहां पर एक 108 एंबुलेंस उपलब्ध करा दी जाएगी। डॉ एम के सिंह ने बताया कि अभियान में कुल 1756000 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लखनऊ में कुल 27 टीकाकरण यूनिट है, जिनके द्वारा पहले 2 सप्ताह स्कूलों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा तथा उसके बाद 2 सप्ताह में समुदाय में, विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों ,स्कूलों ,पंचायत घरों तथा जहां भी टीकाकरण सत्र लगते हैं, वहां यह टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा इसके बाद 1 सप्ताह तक माप अप राउंड होगा जिसमें 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी छूटे हुए बच्चों को एम आर का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि माता-पिता को यह समझाने की आवश्यकता है कि यह एक *एडिशनल डोज* है, अर्थात यह एक अतिरिक्त खुराक है जो सभी बच्चों को दी जानी है ,चाहे उन्हें पहले यह टीका दिया जा चुका हो।कार्यशाला में डब्ल्यूएचओ से डॉक्टर विकास, यूनिसेफ से डॉक्टर संदीप शाही तथा एनपीएसपी के एसआरसी डॉक्टर पुनीत मिश्रा ने भी भाग लिया।

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