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112 सेवा की महिला कर्मियों के दमन पर लगे रोक- वर्कर्स फ्रंट

महिला कर्मियों की मांगें न्यायोचित, तत्काल वार्ता करे सरकार
लखनऊ। 18 हजार रूपए वेतन और नयी सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा किसी कर्मचारी को न हटाने जैसी न्यायोचित मांगों को लेकर 112 सेवा की महिला कर्मियों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन पर दमन की कार्रवाई की वर्कर्स फ्रंट ने निंदा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि महिलाओं पर संगीन धाराओं में दर्ज दो एफआईआर को रद्द किया जाए और उनकी न्यायोचित मांगों को तत्काल वार्ता कर हल किया जाए। प्रेस वक्तव्य में वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की वकालत करती है और इसके लिए करोड़ों रुपए विज्ञापन में बहाए जाते हैं। लेकिन जब महिलाएं जब अपनी न्यायोचित मांग पर आंदोलन करती है तो उनके ऊपर दमन ढाया जाता है। 112 सेवा की महिला कर्मियों द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से अपने वाजिब सवालों को हल करने के लिए सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना शासन प्रशासन की नजर में गुनाह हो गया है जबकि ऐसा उनका लोकतांत्रिक-संवैधानिक हक है। आगे उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा, आउटसोर्सिंग के जरिए दरअसल श्रमिकों का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है। उनसे बेहद कम मजदूरी में स्थाई पदों पर काम कराया जा रहा है। बार-बार सेवा प्रदाता कंपनी के बदलने से मजदूरों की ग्रेच्युटी का भी नुकसान होता है और उनकी सेवाएं बाधित होती है। नई सेवा प्रदाता कंपनी नए नियम और कानून लाकर मजदूरों का शोषण करती है। इसलिए दमन-उत्पीड़न के बजाय महिला कर्मियों की वाजिब सवालों को सरकार को तत्काल हल करना चाहिए।

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