रंजीव ठाकुर
लखनऊ । राजधानी के प्रेस क्लब में मंगलवार को केन्द्रीयित सेवा पेन्शनर्स वेलफेयर एसोशिएसन उ०प्र० ने आपात बैठक आयोजित कर सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों पर विचार विमर्श किया । अध्यक्ष विजय बहादुर सक्सेना ने कहा कि स्थानीय निकाय द्वारा सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों पर पुनरीक्षित पेन्शन भुगतान आदेशों को नियम विरुद्ध अविधिक एवं अपूर्ण निर्गत किया गया जिसकी एसोशिएसन निन्दा करता है । उन्होनें कहा कि आदेश को मनमाने तरीके से और पारिवारिक पेन्शन का उल्लेख न करके पेन्शन भोगियों को प्रताडित किया जा रहा है और पेन्शन नियमावली का घोर उल्लंघन किया जा रहा है । महासचिव श्रीप्रकाश बाजपेई ने कहा कि 6 फरवरी 1996 से पारिवारिक पेंशन पर आश्रित विधवाओं की पेन्शन शासन द्वारा पुनर्स्थापित किये जाने पर भी निदेशालय अमानवीय व्यवहार कर रहा है । उन्होनें कहा कि अनावश्यक विलम्ब के कारण बहुत सी विधवाओं की मृत्यु भी हो गयी पर उन्हे उनका हक नहीं मिल सका । लोग प्रभावी पेन्शन पाने से वन्चित हो गये जो कि निदेशालय की उदासीनता स्पष्ट प्रदर्शित करता है । पेन्शन भोगियों के रोष को व्यक्त करते हुए कहा कि यदि जल्दी ही हमारी मांगो को नहीं माना गया तो प्रदेश में बड़ा आन्दोलन किया जायेगा ।