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ब्रिटिश अदालत का आदेश: इमाम का प्रत्यर्पण किया जा सकता है

लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने आदेश दिया है कि बर्मिंघम के उस इमाम को प्रत्यर्पित किया जा सकता है जो आतंकवाद के आरोपों में स्पेन में वांछित है। तारिक चादलिओई पर चरमपंथी वीडियो के जरिए इस्लामिक स्टेट के लिए भर्ती करने का आरोप है। उसने बीते सप्ताह वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में दावा किया कि वह ‘आतंकवाद विरोधी उपदेशक’ है। उसके वकील इस आधार पर प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ रहे थे कि यह ‘पारिवारिक जीवन जीने के उनके अधिकार का स्पष्ट हनन’ होगा। मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा आरबथनॉट ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि इमाम का परिवार सरकार द्वारा वित्त पोषित सामाजिक योजना का हकदार है तथा अपनी मस्जिद से भी मदद ले सकता है। इमाम यूरोप में गिरफ्तार उन छह लोगों में शामिल है जिनको इस साल जून में गिरफ्तार किया गया था। स्पेन के अधिकारियों का आरोप है कि इमाम तारिक ने 2014 और 2015 में मालोरका के अपने दौरे के समय सीरिया में चरमपंथी ताकतों के लिए तीन वीडियो बनाए। 43 वर्षीय इमाम पर एक सशस्त्र समूह के सदस्य होने या उससे गठजोड़ करने का आरोप है। इस मामले में दोषी करार दिए जाने पर उसे 20 साल की सजा हो सकती है

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