दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में क्यों ने लेकिन रुटिन की जिदंगी को काफी प्रभावित कर देती हैं। जब हमारे कमर, गर्दन, कलाई , पैर में दर्द हो तो हम दवाई लगा कर काम पर लग जाते है, उन्हें अपनी तेजी से चलती हुई जिदंगी का हिस्सा मान लेते है। लेकिन कूल्हे के दर्द को कभी जिदंगी का हिस्सा नही बनाना चाहिए। यह हमारे रोज के काम के साथ साथ हमारे शरीर को भी काफी प्रभावित कर सकता हैं। हिप्स में दर्द होने का मुख्य कारण वहां पर खिंचाव, फ्रेक्चर, चोट लगना या जोड़ो में सूजन हो सकता हैं। अगर इस दर्द को नजरअंदाज किया जाए तो हो सकता है कि इससे चलने फिरने व उठने बैठने में दिक्कत हो सकती हैं। रिसर्च के अनुसार 100 में से 10 लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता हैं। कई बार इस दर्द की जांच करने पर पता लगता है डिस्क खिसकी हुई है तो कई बार रक्त आपूर्ति न होने के कारण जोड़ क्षतिग्रस्त होने लगते है। कई बार इसे ज्यादा नजरअंदाज करने पर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी भी करवानी पड़ती हैं। दर्द का इलाज व कारण जानने के साथ साथ आज यह भी जानेगें कि क्यों होती है यह दर्द ? क्या है दर्द का कारण,, कूल्हे की हड्डियों के बीच एक द्रव या फ्लूइड होता है जिसकी मदद से यह आराम से काम करती हैं। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे हड्डियों में फ्लूइड की कमी आना लगती है, जिस कारण कूल्हे में दर्द होता हैं। इस वजह से हड्डियों में रगड़ पैदा होने लगती है, जो कि हड्डियों को कमजोर कर देती है। इस कमजोरी के कारण हड्डियां टूट भी सकती हैं। यहीं से हिप ज्वाइंट पेन से जुड़ी समस्या शुरु होती हैं। हो सकता है ऑस्टियोआर्थराइटिस,, कूल्हे में दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या भी हो सकती हैं। चोट लगने के बाद यह समस्या सामने आती हैं। इसके साथ बॉल ज्वाइंट, खून के दौरा का कम होने से भी दर्द शुरु हो सकती हैं। ज्यादा धूम्रपान करने या लंबे समय तक स्टेराइड्स लेने से भी जोड़ो का दर्द हो सकता हैं। इससे कूल्हा बदलना पड़ा सकता है इसे हिप ऑथोप्लास्टी कहते हैं। दर्द के लक्षण – जांघों में काफी दर्द होता हैं। – कभी कभार कूल्हे के जोड़ों के भीतर दर्द होने लगता हैं। – दर्द कमर और नितंब तक पहुंच जाता हैं। – तेज गति पर काम करने से दर्द बढ़ जाता हैं। – कैल्शियम, विटामिन डी की कमी। – चीनी का ज्यादा सेवन करना। – कूल्हे के जोड़ों की बनावट बिगड़ती हुई लगें। – नशे के कारण भी होती है यह दर्द | उपाय के तरीकें – डॉक्टर को दिखा कर राय लें। – उचित आहार के साथ साथ सिकाई करें, कोशिश करें खाने में हरी सब्जियां शामिल करें। – पूरी मात्रा में कैल्शियम, विटामिन डी लें – रोज योगा करें, हो सकें तो पानी में एक्सरसाइज करें। -तिल का सेवन करें। तिल की पेस्ट बना कर आटे मिलकर रोटी बनाएं। – फाइबर वाले आटे का इस्तेमाल करें। – स्टीम बाथ और मालिश करें, मालिश के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल करें। – सही नाप के जूते पहनें, अगर दर्द है तो महिलाएं हील्स न पहनें।