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परसपुर में कथावाचक स्वामी आलोकानंद ने किया सत्संग के महत्व का वर्णन

डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर)। डुमरियागंज क्षेत्र के परसपुर स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर पर आयोजित श्रीराम कथा के दौरान सोमवार की रात वृंदावन से पधारे कथावाचक आलोकानंद ने कहा कि सत्संग जीवन को निर्मल और पवित्र बनाता है। यह मन के बुरे विचारों व पापों को दूर करता है। सत्संगति मूर्खता को हर लेती है, वाणी में सत्यता का संचार करती है। दिशाओं में मान-सम्मान को बढ़ाती है, चित्ता में प्रसन्नता को उत्पन्न करती है और दिशाओं में यश को विकीर्ण करती है। वस्तुत: सत्संगति मनुष्य का हर तरह से कल्याण करती है। जीवन के दोषों को दूर करने के लिए सत्संग करते हैं। उन्होने कहा कि प्रात:काल का भोजन सायंकाल तक और सायंकाल का भोजन रात्रिभर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। ऐसे ही सुबह किया हुआ सत्संग पूरे दिन हमें अधर्म और पाप से बचाए रखता है। सायंकाल का सत्संग हमें कुत्सित विचारों से बचाता है। मानव सत्संग से सुधरता है और कुसंग से बिगड़ता है। कहा भी गया है कि जैसा होगा संग वैसा चढ़ेगा रंग। सत्संग मानसिक समस्याओं की चिकित्सा है। जब मन में काम, क्रोध रूपी वासनाओं की आंधी उठे और ज्ञान रूपी दीपक बुझने लगे, तो ऐसे में सत्संग औषधि का कार्य करता है। कथा के दौरान राम लक्ष्मण सीता व हनुमान की झांकी भी निकाली गयी। कथा में अंत में सामूहिक आरती हुई, जिसके बाद प्रसाद वितरण हुआ। इस दौरान यज्ञाचार्य सतीश मिश्रा, पंडित संदीप शास्त्री, अष्टभुजा शुक्ला, राम अभिलाष शुक्ला, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के डुमरियागंज तहसील अध्यक्ष राजेश पाण्डेय, प्रधान संघ अध्यक्ष दिलीप पाण्डेय उर्फ छोटे, राम अचल, धर्मराज यादव, राजेश पाण्डेय, दीपक, सुग्रीम, राजेंद्र पाण्डेय, राधेश्याम, विक्की पाल, राकेश पाल, दयाराम, विजयपाल, अशोक, प्रदीप, लवकुश, अविनेश आदि मौजूद रहे।

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