रिपोर्टर सदीप
बलरामपुर । दस्त से होने वाली मौतों में कमी लाने के उद्देश्य से जिले में सघन दस्त (डायरिया) नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारम्भ किया गया। जिला संयुक्त चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ओआरएस और जिंक की गोली बांटकर पूरे जिले में पखवारे का शुभारम्भ किया।
मंगलवार को सघन दस्त (डायरिया) नियंत्रण पखवाड़े का शुभारम्भ करते हुए कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि सीएमओ डा घनश्याम सिंह ने कहा कि प्रदेश में एक साल के भीतर दस्त से ही एक हजार बच्चों में से 47 बच्चों की मौत हो जाती है। शिशु मृत्यु दर और बाल्यावस्था मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से ही शासन के निर्देश पर 28 मई से 9 जून तक जिले में सघन दस्त (डायरिया) नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। उन्होने बताया कि इस दौरान जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक कार्नर बनाया गया है इस कार्नर पर काउंसलर ओआरएस व जिंक की गोली का वितरण करने के साथ साथ लोगों को दस्त के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर जिस घर में 6 माह से 5 साल तक के बच्चे होगे वहां पर ओआरएस का एक पैकेट देंगी। यदि घर में दस्त से पीड़ित बच्चा है तो वहां आशा कार्यकर्ता ओआरएस के अतिरिक्त पैकेट देने के साथ जिंक की गोली भी देंगी। हाॅस्पिटल क्वालिटी मैनेजर डा. रूचि पाण्डेय ने बताया कि दस्त होने के सबसे बड़े कारणों में प्रदूषित पेयजल, स्वच्छता, शौचालय का अभाव और कुपोषण को माना गया है। जिनके भी घर में बच्चों को दस्त हो वे जिला संयुक्त चिकित्सालय से ओआरएस व जिंक की गोली ले सकते हैं यदि वे अस्पताल तक आने में असमर्थ हैं तो वे गांव की आशा कार्यकर्ता से भी ओआरएस व जिंक की गोली ले सकती हैं। डीपीएम शिवेन्द्र मणि ने बताया कि ओआरएस का प्रयोग भी सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए। बीमार व्यक्ति को एक पैकेट ओआरएस को एक लीटर पानी में घोलकर 30 मिनट के भीतर पूरे पानी को पीना होता है। ध्यान रखें कि यदि 24 घंटे से अधिक घोल को रखा जाता हैं तो घोल खराब हो सकता है। कार्यशाला के दौरान पैथालाजिस्ट ए.पी. मिश्रा, आई स्पोस्लिस्ट डा. सुनील कुमार, डा. गिरधर चैहान, चीफ फार्मासिस्ट पी.के. त्रिपाठी, आर्थोपोडिक सर्जन डा. ज्ञान प्रकाश तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।