बिल्थरारोड (बलिया)। स्थानीय तहसील में चकबन्दी के लेखपाल अजय कुमार गौड़ (26) का शव बुधवार की प्रातः में उनके आवास पर स्नान घर में लटकते पाया गया। इस घटना की सूचना मकान मालकिन ऊषा देवी पत्नी डा0 विष्णुदेव ने तत्काल पुलिस को देकर आवश्यक कार्यवाही की अपील की। घटना के सूचना पाकर उभांव थाने के निरीक्षक राजेश कुमार सिंह अपने चौकी प्रभारी सीयर योगेन्द्र प्रसाद सिंह व अन्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पंचायतनामा भरने के बाद शव को पीएम हेतु बलिया भेज दिया गया।
घटना की सूचना पाकर चकबन्दी विभाग के स्थानीय सभी अधिकारी, राजस्व निरीक्षक व लेखपाल मौके पर पहुंच गये उनके सामने ही पुलिस ने शव को स्नान घर से शव को बरामद किया। फिर मकान मालकिन की सूचना के आधार पर पुलिस ने शव के पीएम कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ की। मौके पर शव की स्थिति देख घटना पर संदिग्धता प्रकट की और पिता राधेश्याम के आने तक शव को रोके रखा गया। जैसे ही पिता राधेश्याम आये उनसे हस्ताक्षर कराने के बाद शव को पीएम हेतु बलिया भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार स्थानीय नगर के वार्ड नं0 10 के पन्नालाल कटरा में डा0 विष्णुदेव के मकान में मृतक लेखपाल किराये की मकान में रहा करते थे। अभी एक दिन पूर्व ही उनके पिता राधेश्याम यही से घर के लिए रवाना हुए थे। मृतक लेखपाल मिर्जापुर जनपद के जमालपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम चौकिया के निवासी थे।
उभांव थाने के निरीक्षक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इस घटना को चकबन्दी विभाग की ओर से संदिग्ध नजर से देखा जाने लगा है। जिसकी हर पहलू पर जांच की जायेगी। घटना के समय से पूर्व के समय में मृतक की मोबाईल काल की जांच, पारिवारिक कलह की जांच, पत्नी से विवाद होने की जांच व स्थानीय स्तर पर अन्य कारणों की जांच गहराई से पुलिस करेगी।
मौके पर पहुंचे सीओ रसड़ा केपी सिंह ने स्थिति को देख विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम तत्काल बुला ली उसने भी अपने स्तर से घटना स्थल की जांच की।
पुलिस को मौके पर स्नान घर में उसके फाटक की ऊपरी हिस्से में नायलान की की पतली रस्सी से कसी गर्दन को मृतक का शव मिला।
घटना की सूचना पाकर चकबन्दी विभाग के एसीओ भागवत सिंह, एसीओ तिलकधारी यादव, एसीओ जय कुमार आजाद के साथ भारी संख्या में उनके लेखपाल व कर्मचारी मौजूद रहे। रास्ते में मिली मृत्यु की सूचना-पिता मृतक लेखपाल के पिता राघेश्याम यहां आने के बाद रोते-रोते बुरा हाल हो गया था। वह बता रहा था कि जब मेरे बाबू का फोन नही उठा तो मैं घर से चल चुका था। मुझे रास्ते में उनके मरने की सूचना मोबाईल फोन पर मिली थी। पिता के इस बयान के बाद मामला परिवारिक विवाद का प्रतीत होने लगा है। वैसे शव की पीएम रिपोर्ट के बाद ही इस घटना का असली खुलासा हो सकेगा।
रिपोर्टर संजीव उर्फ उमेश बाबा बलिया