व्यूरो कार्यालय लखनऊ
मसकनवा गोंडा:- सूत्रानुसार ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कार्य की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर किए जाने से भड़के ग्राम प्रधान विजय वर्मा की सह पर उनके पांच समर्थकों ने शिकायतकर्ता पत्रकार पर बीच चौराहे पर जान लेवा हमला कराया तथा दोबारा शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी है। मामला थाना छपिया क्षेत्र के तेजपुर ग्राम सभा का है। पीड़ित पत्रकार दुर्गा पटेल शनिवार को लगभग सुबह १०.३० अपने घर पर बैठे थे। तभी दो मोटरसाइकिलों पर लाठी,राड से लैस होकर गाव के ही गुड्डू,कमलेश,गिरजेश,मोनू व सुनील आये और पीड़ित द्वारा की गई शिकायत पर बहस करने लगे। पीड़ित का आरोप है कि उक्त लोगों द्वारा ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत करने की बात कहते हुए जमकर मारा पीटा। पीड़ित की मां व बहन के बचाव तथा हल्ला गुहार करने पर हमलावर ग्राम प्रधान के खिलाफ दोबारा शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले। पूरा प्रकरण अब सम्बंधित थाने की पुलिस दे संज्ञान में है | पीड़ित का मेडिकल कराने की कारवाही जारी है | घायल का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपिया में किया गया। जहां पीड़ित की दाहिने हाथ की बीच की उंगली टूट जाने की संभावना पर जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया है। पीड़ित पत्रकार ने बताया कि उसके ग्राम पंचायत तेजपुर में विकास कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है। वर्ष 2016 व 17 में ग्राम पंचायत के कठौवा गाव में इंटरलॉकिंग का कार्य न कराने की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की थी। इसी विवाद को लेकर पत्रकार को ग्राम प्रधान विजय कुमार की सह पर बुरी तरीके से मारा पीटा गया।
इस घटना को लेकर क्षेत्र के पत्रकारों,जनौस के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है। वरिष्ठ पत्रकार पीसी गुप्ता,शैलेंद्र पांडेय,सुधांशु गुप्ता,खगेन्द्र जनवादी,प्रदीप कुमार गुप्ता,सुनील गौड़,भूपेंद्र मिश्रा,जनौस के जिला संयुक्त सचिव आशीष सिंह,दीपक वर्मा,सद्दाम,मनीष,मैनुद्दीन,शहजाद अली सहित कई संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। पीड़ित का कहना है कि उसे उक्त दबंगों द्वारा फर्जी हरिजन एक्ट में फ़साने का प्रयास किया जा सकता है | जब अवध की आवाज़ के लखनऊ व्यूरो द्वारा थानाध्यक्ष जय दीप दुबे से इस प्रकरण की पूरी कारवाही की जानकारी लेने हेतु उनके मोबाइल पर सायं लगभग ८. १ ५ पर प्रयास किया गया तो मोबाइल उठाकर काट दिया गया | बाद में दुबारा मिलाया तो मोबाइल नेट वर्क से बाहर हो गया | पीड़ित के अनुसार संज्ञान में आया है कि पुलिस ने उक्त प्रकरण में गुड्डू तथा जीतू नाम के व्यक्तियों को थाने में पूछ ताछ के लिए रोका हुआ है | गौर तालाब यह है कि आखिर कब तक ये भ्र ष्टाचार में लिप्त उक्त प्रधान जैसे लोग पोल खुलने के डर से पत्रकारों के ऊपर जानलेवा हमला करवाते रहेंगे | अब देखना यह है कि थाना छपिया पुलिस केवल एन सी आर दर्ज करके हमलावरों को आजादी का मौका देती है या निष्पक्ष जांच करके हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके देश के चौथा चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकारों पर इस तरह के होने वाले हमलों को रोकने में अपना फर्ज निभाती है |