मधुबन(मऊ)- मधुबन-बेल्थरारोड मार्ग के कटघराशंकर (रौजा) पर स्थित परहेजी बाबा की मजार हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक हैं वैसे तो हर एक गुरूवार को बाबा के भक्तों का हुजूम उमड़ता है, लेकिन ईद के अगले दिन लगने वाले उर्स मेले का विशेष महत्व है। रविवार को एक दिवसीय उर्स में जायरीनों की भारी भीड़ उमड़ी रही।
बाबा के भक्तों ने पूरे दिन चादरपोशी करके मन्नतें मांगी। मेले में उमड़े लोगों ने जहां चरखी का लुत्फ उठाया, वहीं कब्वालों द्वारा प्रस्तुत कौव्वाली और मुशायरे का भी आनंद उठाया। कटघराशंकर (रौजा) पर स्थित धार्मिक स्थल पर परहेजी बाबा की मजार प्रेम, भक्ति और विश्वास का लोगों में एक अलग छाप छोड़ी है। इस रमणीक स्थान पर ईद के अगले दिन लगने वाला विशाल मेला रविवार को सकुशल सम्पंन हो गया। इस सिद्ध पुरूष की मजार के बगल में एक हिन्दू बालक की मजार है। आकीदतमंद बाबा की मजार के साथ-साथ हिन्दू बालक की मजार पर भी चादरपोशी करके मन्नतें मांगने से नहीं भूलते हैं। प्रकृति की मार से तड़पते लंगड़े-लूजे व अपाहिज लोगों में फल बांटने की वर्षों से चली आ रही परम्परा आज भी कायम है। यहां लगे भव्य उर्स मेले में दूर-दराज के लोग भारी संख्या में मजार पर पहुंचकर मन्नतें मांगते रहे। बताया जाता है कि आज भी बाबा के मजार पर पहुंचने वालों को उनका आशीर्वाद मिलता है तथा हृदय से मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर लगी रही। हालांकि उर्स मेला के चलते आवागमन में लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़।