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मराठों के अदम्य साहस ने जालौन को बचाकर रखा मुगल व अंग्रेजी आतंक से

जालौन, (वेबवार्ता)। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले यमुना तट पर बसे जालौन को मराठाओं के अदम्य साहस और वीरता के बल पर ऐसा प्रश्रय मिला कि यह क्षेत्र लंबे समय तक मुगलों और उसके बाद अंग्रेजों के आतंक से बचा रहा। इस जनपद के इतिहास में मराठाओं का महत्व अद्वितीय है। यहां परगना कालपी के अंतर्गत इतिहासकार बुंदेल रतन डॉ़ हरिमोहन पुरवार ने मंगलवार को यूनीवार्ता को खास बातचीत में बताया कि कालपी मराठाओं की राजधानी रही। मध्य भारत के उत्तरी प्रवेश द्वार के रूप में सुविख्यात वर्तमान जनपद जालौन का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। जब समूचा भारत अग्रेजों के अत्याचार तथा चहुंमुखी प्रताणना से त्रस्त था तब भी यह जनपद अंग्रेजों द्वारा दी जा रही मर्मान्तक पीड़ा से मुक्त रहा है और इसमें मराठों की भूमिका अत्यन्त सराहनीय रही है।

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