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ब्यूरो चीफ गोंडा..
गोंडा। चुनाव करीब आते ही नेता तरह-तरह के लोगो को लुभावन वादे जनता-जनार्दन से किए जाते हैं। किंतु चुनाव समाप्त होते ही मतदाताओं को संतोष से ही सब्र करना पड़ता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मेहनौन विधानसभा क्षेत्र की।
गोंडा मुख्यालय से बेहद सटे, इस विधानसभा क्षेत्र में अभी तक कई पार्टियों के विधायक विधानसभा सदस्य का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन बिजली,पानी,शिक्षा,सड़क,स्वाथ्य का अभाव बरकरार माना जा रहा है। तीन विकास खंडों मुजेहना, रुपईडीह, इटियाथोक से यह जुड़ा हुआ है। मेहनौन विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 360000 है।
अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो करीब 1लाख 10 हजार कुर्मी मतदाता हैं, जो की इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा हैं तथा 70 हजार ब्राह्मण,65 हजार अनसूचित जाति/जनजाति,60 हजार मुस्लिम,20 हजार यादव, 20 हजार कायस्थ मतदाता हैं।
देश आजाद होने के बाद से 1957 में पहली बार यह विधानसभा क्षेत्र गोंडा नार्थ के नाम से बनाया गया। इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य तत्कालीन जनसंघ पार्टी के राम अभिलाख ने जनता को भरोसा दिखाया। बाद में 1962 में यह विधानसभा कांग्रेस के पाले मे चली गई।
1967 में इस विधानसभा क्षेत्र का नाम बदल कर मुजेहना किया गया।1991 में बीजेपी से घनश्याम शुक्ला ने जीत दर्ज कर पार्टी का परचम लहराया।1996 तक यह सीट बीजेपी के पाले में रही। घनश्याम शुक्ला के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ, इसमें उनकी पत्नी नंदिता शुक्ला को सपा से उम्मीदवार बनाया गया। वह तीन इस क्षेत्र से विधायक रही। 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नाम बदल कर मेहनौन रखा गया। 2017 में बीजेपी के उम्मीदवार विनय कुमार द्विवेदी ने 84304 वोट पाकर जीत हासिल की। अब देखना है होगा की मेहनौन विधानसभा क्षेत्र के युवा वोटर किस पार्टी पर भरोसा जताते हैं।