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साहित्य भूषण पुरस्कार से पहले भी सम्मानित हो चुके हैं साहित्यकार सतीश आर्य

अन्य प्रदेशों में भी सतीश आर्य को किया गया सम्मानित

सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा। साहित्य भूषण पुरस्कार से अलंकृत डॉक्टर सतीश आर्य इसके पूर्व भी *मानद उपाधि*- विक्रमशिला विद्यापीठ भागलपुर (बिहार) द्वारा विद्यावाचस्पति एवं विद्यासागर, एवं विशेष सम्मान पुरस्कार उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा एवं उत्तर प्रदेश के
पुलिस महानिदेशक डॉ सूर्य कुमार शुक्ला द्वारा ‘वागीश्वरी सम्मान’ से भी अलंकृत किया गया है। हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा ‘विद्यावागीश’, गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा ‘अमृत कलश’, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ऋषिकेश चतुर्वेदी, ब्रजभाषा सम्मान, बंशीधर शुक्ल अवधी सम्मान, साहित्य सरोवर संस्थान कर्नाटक द्वारा ‘साहित्य गौरव’, साहित्य संस्था देवघर, झारखंड द्वारा ‘रवींद्रनाथ टैगोर राष्ट्रीय शिखर सम्मान’, ज्ञानपीठ साहित्य के निदेशक डॉ प्रभाकर श्रोत्रिय,, दूरदर्शन के महानिदेशक तथा ज्ञानपीठ साहित्य के निदेशक श्री लीलाधर मंडलोई द्वारा तथा डॉ (आचार्य) विश्वनाथ त्रिपाठी, डॉ कैलाश बाजपेई, श्रीमती मृदुला गर्ग, भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री गोपाल चतुर्वेदी,हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सदानंद प्रसाद गुप्ता, मानस संगम कानपुर के संयोजक पंडित बद्रीनारायण तिवारी एवं देश के अन्य अनेक मनीषियों एवं साहित्यकारों द्वारा विभिन्न पुरस्कारों एवं सम्मानों तथा मानद उपाधियों से भी अलंकृत किए जा चुके हैं।
नेपाल देश द्वारा ‘अवधी साहित्य भूषण’ तथा कवि की रचना धर्मिता पर डॉक्टर शुभा श्रीवास्तव को ग्वालियर विश्वविद्यालय से,डॉक्टर निधि कश्यप को कानपुर विश्वविद्यालय से ,डॉक्टर जटाशंकर वर्मा को अवध विश्वविद्यालय से पी॰एच॰डी की उपाधि|
अवध विश्वविद्यालय के बी॰ए॰ तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम ‘आधुनिक अवधी काव्य’ में कवि का अवधी गीत ‘महुआ चुवै सारी रात’ सम्मिलित ,एन॰सी॰ई॰आर॰टी के पाठ्यक्रम कक्षा छः में ‘बेटी’ गीत सम्मिलित है।
आकाशवाणी ,दूरदर्शन तथा देश के अनेक भागों में अखिल भारतीय कविसम्मेलनों में काव्य पाठ ‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’, ‘कादंबिनी’, ‘नवनीत’, ‘आजकल’, ‘गगनांचल’, हंस, मनोरमा, ‘दैनिक जागरण’,’अमर उजाला’ आदि अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं सम्मान पूर्वक प्रकाशित की जा चुकी हैं। . 7 फरवरी 2021 को प्रयागराज में हिन्दुस्तानी साहित्य की त्रैमासिक पत्रिका गुफ़्तगू के एक साहित्यिक समारोह में सभापति पद से सुशोभित. 10 मार्च 2021 को सूरत विश्वविद्यालय एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त भाखा महोत्सव में पुनः वंशीधरशुक्ल सम्मान से सम्मानित हुए।. इनकी अन् *प्रकाशित कृतियाँ* ‘महुआ वृक्ष तले’ गीतसंग्रह 1986, ‘दोऊ आँखिन की पुतरी भई हिन्दी’ ब्रजभाषा के छंद 2004,उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘हृषीकेश ब्रजभाषा पुरस्कार’ से पुरस्कृत. ‘छंद की छाँव’ छंद संग्रह खड़ीबोली में 2007, ‘महुआरी’ अवधी गीत संग्रह 2018 उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘वंशीधर शुक्ल पुरस्कार’ से भी पुरस्कृत किया गया है।

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