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पुलिस अधीक्षक के आदेश का कोई मायने नहीं।

 

आखिर चारों स्थानांतरित उपनिरीक्षक अंगद की तरह पांव जमाए हैं किस राजनेता के इसारे पर जाने को तैयार नहीं।

अजीजुद्दीन सिद्दीकी
मनकापुर गोण्डा।। पुलिस अधीक्षक द्वारा स्थानांतरित आदेश नक्कारखाने मेंतूती की आवाज बन कर रह गई और अंगद की तरह पांव जमाए उपनिरीक्षक 2 सप्ताह बीतने के बाद भी मोतीगंज थाना छोड़ने को तैयार नहीं।पुलिस विभाग ने उच्च अधिकारियों का आदेश एस (हां) माना जाता है। लेकिन जिले का पुलिस महकमा बहुत ही विचित्र है। चाहे पुलिस विभाग का महात्मा हो या आला अधिकारियों का आदेश को ठेंगा दिखाने का दुस्साहस कर रहा है। मामला मोतीगंज स्थान से जुड़ा है यहां पर तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक विनय कुमार यादव का स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक द्वारा 14 मई को मनकापुर थाना कोतवाली के लिए कर दिया गया था। स्थानांतरण की सूची पुलिस अधीक्षक द्वारा 14 मई को जारी की गई थी। और पुलिस अधीक्षक द्वारा स्थानांतरित की गई सूची में दूसरा नंबर पर नाम अंकित है। फिर भी अंगद की तरह पांव जाएं मोतीगंज थाने से जाने को तैयार नहीं। विदित हो कि पुलिस अधीक्षक आरके नैयर द्वारा 14 मई को जारी की गई जारी की गई स्थानांतरित सूची उप निरीक्षक/ मुख्य आरक्षी/आरक्षी/ना 0 पु0 पुलिस के सूची में कुल 15 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण जारी हुआ था जिसमें मोतीगंज थाने पर तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक विनय कुमार यादव का भी नाम सूची में दूसरे नंबर पर अंकित हैं। यह नाम तो मात्र एक बानगी है। इसके अलावा इस वरिष्ठ उपनिरीक्षक विनय कुमार यादव के स्थानांतरण के कई दिन पूर्व इसी थाने के 3 उप निरीक्षकों का स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक आरके नैयर द्वारा किया जा चुका है। स्थानांतरित उप निरीक्षकों में राजेंद्र प्रसाद यादव कौशल किशोर पांडे देवेंद्र नाथ पांडे आदि उपनिरीक्षक स्थानांतरित है फिर भी मोतीगंज थाने से मोह नहीं भंग हो रहा है और यह चारों उपनिरीक्षक मोतीगंज थाना छोड़ने को तैयार नहीं हैं।बल्कि तबादला रुकवाने के लिए जुगाड़ में लगे हुए हैं ऐसे में सवाल उठता है कि आंखें पुलिस अधीक्षक के आदेश का पालन थाना प्रभारी निरीक्षक क्यों नहीं कर रहे हैं क्या वजह है कि स्थानांतरित उप निरीक्षकों का मोतीगंज का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। इसे साफ जाहिर होता है के पुलिस अधीक्षक द्वारा स्थानांतरित किया गया आदेश उप निरीक्षकों के लिए कितना मायने रखता है और पुलिस अधीक्षक का आदेश नक्कारखाने में तूती की आवाज बन कर रह गई है।

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