अवध की आवाज दैनिक पेपर जिला संवाददाता , वीके सिंह,
गोंडा। कर्नलगंज इसे आरपीएफ की मिलीभगत कहें या रेल अफसरों की अनदेखी। अवैध वेंडरों की दबंगई के आगे कर्नलगंज रेलवे स्टेशन पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी बेअसर है। प्लेटफार्म व ट्रेनों में खुलेआम बीड़ी, पान, सिगरेट व गुटखा बेचा जा रहा है। अवैध वेंडरों की लूट-खसोट के साथ ही गोंडा के कर्नलगंज रेलवे स्टेशन पर गैरकानूनी व्यवसाय भी धड़ल्ले से चल रही है। इसके लिए व्यवसाय में लगे वेंडर पर आरपीएफ शिकंजा नहीं कस पाता है। रेलवे के अफसर भी आंखे मूंदे हैं। ट्रेनों के प्लेटफार्म पर पहुंचते ही हाथ में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू आदि लिए कई वेंडर दिखाई पड़ते हैं। इनमें छोटे छोटे लड़के भी शामिल हैं। हर समय स्टेशन की सुरक्षा का दावा करने वाले आरपीएफ को यह गैरकानूनी धंधा नहीं दिखाई देता। ट्रेनों में भी यही क्रम चलता रहता है, बल्कि यहां सिगरेट, बीड़ी व गुटखे का दाम दोगुना पहुंच जाता है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध संबंधी सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश आम यात्रियों के लिए तो दिखाई पड़ता है, लेकिन अवैध वेंडरों पर न तो इसका असर है और न ही इसके पालन के लिए जिम्मेदारों को परवाह। अभियान की आड़ में औचक निरीक्षण कर निरीह छात्रों को बिना टिकट यात्रा व रेल परिसर में घूमने के आरोप में पकड़ने वाली आरपीएफ को कानून की उड़ती धज्जियां नहीं दिखाई देती। क्योंकि खानपान के अवैध व्यापार में लिप्त इन वेंडरों की ऊंची पहुंच से सब डरते हैं।