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गौशाला के नाम पर दी जा रही सरकारी सुविधाओं की खुल रही पोल

सुरेश कुमार तिवारी
गोण्डा। गोण्डा कहोबा चौराहा, प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की मंशा के अनुसार प्रशासन गौ संरक्षण के कार्य में जुटा । शासन से दिशा निर्देश मिलने के बाद आवारा पशुओं को संरक्षण दिलाने की मुहिम शुरू की गई । अवैध पशु कटान को रोकने के लिए शासन ने बड़े स्तर पर जनपद में गौशाला खोलने की हिदायत दी थी। इसके बाद पशुपालन विभाग लोगों को गौशाला खोलने के लिए प्रेरित करनेलगा। लेकिन अब गौशाला के नाम पर दी जा रही सरकारी सुविधाओं की पोल खुल रही है। जानकारी के अनुसार अगस्त माह से नही किया गया भूंसे के पैसे का भुगतान। गौशालाओं की ज़िम्मेदारी संभाल रहे प्रधानों ने खड़े किये अपने हाथ कहा हम नही संभाल सकते जिम्मेदारी सरकार किसी दूसरे को सौंपे गौशालाओं की देखरेख। मामला विकास खंड कटरा बाजार से जुड़ा है जहां सरकार द्वारा छुट्टा जानवरों के रख रखाव का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। अगस्त माह से भूंसे के पैसे का भुगतान न होने से जानवरों की रख-रखाव में भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। गौशालाओं की देखरेख कर रहे ग्राम प्रधानों ने बताया कि प्रति जानवर 30 रुपये के हिसाब से सरकार द्वारा भुगतान किया जा रहा है जो पर्याप्त नही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार विकासखंड कटरा बाजार में चार गौशालाएं संचालित हो रही हैं जिनमें ग्रामसभा गंडाही में 150 गौवंश, गौडवा में 130, नदावा में 87 तथा नकहा में 72 गाएं वर्तमान समय में मौजूद हैं। वर्तमान समय में माह अगस्त से भूसे का पैसा ना आने के कारण ग्राम प्रधानों की दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं। तथा जानवरों के चारा प्रबंधन हेतु बड़ी समस्या खड़ी हो रही है।

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