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कोरोना से अनाथ हुई बच्चियों का हाल-चाल जानने उनके गांव पहुंची बाल संरक्षण टीम

सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश व शिक्षा दिक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश के सभी जिलों के बाल संरक्षण विभाग व चाइल्ड लाइन 1098 को सौपी गई है। उक्त जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम चाइल्ड लाइन सब सेंटर के कर्मचारियों के साथ कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के घर पहुंच रही है और बच्चों से उनके रहन-सहन और खान-पान के बारे में जानकारी प्राप्त कर रही है। इसी क्रम में रविवार को जिला बाल संरक्षण टीम चाइल्ड लाइन सब सेंटर के कर्मचारियों के साथ इटियाथोक विकासखंड के ग्राम पंचायत बिशुनपुर संगम स्थित भगवानदीन गुप्ता के घर पहुंची। और अनाथ हुई उनकी दोनों बच्चियों निशा (17) अंकिता (8) से उनके रहन-सहन व खानपान से संबंधित जानकारी प्राप्त की। तथा कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजना के बारे में बता कर योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस पर बच्चों ने अधिकारियों को बताया कि मैं अपने बड़े पिता भगवती प्रसाद गुप्ता के साथ रहती हूं और मुझे खाने-पीने सहित रहने की कोई समस्या नहीं है मैं उन्हीं के साथ रहूंगी हम दोनों बहनों को कोई तकलीफ नहीं है। बच्चियों का सपोर्ट करते हुए बड़े पिता भगवती प्रसाद गुप्ता की पत्नी नें दोनों बच्चियों के परवरिश की जिम्मेदारी उठाई और मौजूद अधिकारियों के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। आपको बता दें कि अनाथ हुई उपरोक्त दोनों बच्चियां अपने पिता भगवानदीन गुप्ता व माता सुमित्रा देवी के साथ गुजरात में रहती थी और पिता के कार्यों में हाथ बटाती थी। कुछ दिनों पूर्व भगवानदिन व सुमित्रा देवी कोरोना संक्रमित हुई और इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। अनाथ हुई बच्चियां पिछले 1 महीने से अपने बड़े पिता भगवती प्रसाद गुप्ता के संरक्षण में रह रही है। जिनसे मिलकर उनका हालचाल जानने जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम व चाइल्ड लाइन सब सेंटर के कर्मचारी मौके पर पहुंचे है।

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