मीजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान का लाभ उठाएं लोग, डीएम ने की अपील
गोंडा से दीपक वर्मा
गोंडा। मीजिल्स रूबेला एक गम्भीर बीमारी है। सरकार द्वारा लगभग ढाई हजार रूपए की कीमत वाला मीजिल्स रूबेला इन्जेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। इसलिए सभी वर्गों के लोग 09 माह से 15 साल तक के बच्चों को मीजिल्स यानी खसरा तथा गर्भवती महिलाओं को रूबेला बीमारी से बचाने के लिए रूबेला का इंजेक्शन जरूर लगवाए जिससे बच्चों तथा महिलाओं को इस गम्भीर बीमारी से बचाया जा सके। यह अपील डीएम कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट सभागार में मीजिल्स रूबेला अभियान की समीक्षा के दौरान की है।
बताते चलें कि विगत माह 26 नवम्बर से शुरू हुए मीजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत अब तक जिले में लक्षित टीकाकरण के क सापेक्ष 38 प्रतिशत टीकाकरण कराया जा चुका है। परन्तु जिले में 54 मदरसों द्वारा सहयोग ने करने के कारण अभी टीकाकरण नही कराया जा सका है। डीएम ने ऐसे मदरसों के अध्यापकों व आलिमों की सूची मांगी हैं और अपील किया है कि अन्धविश्वास छोड़ दें और बच्चों तथा महिलाओं के भविष्य व जीवन से खिलवाड़ न करें। डीएम ने बैठक में टीकाकरण में फिसड्डी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है तथा स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अभियान में लापरवाही की शिकायत प्राप्त होगी तो निश्चित ही कार्यवाई के लिए तैयार रहें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके इसके लिए जागरूकता के तहत जगह-जगह वाल पेप्टिंग कराने, फ्लैक्स व होर्डिंग्स लगवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होने कहा कि ईंट भट्ठो पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चो को इस अभियान में जरूर टीकाकरण कराया जाय। सीएमओ डा0 संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान में 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होने बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खसरा श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण से होता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और एक सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकते भी शामिल है। उन्होने अपील किया कि सभी लोग इस बीमारी से बचाव के लिए अपने 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों को मीजिल्स रूबैला का टीका जरूर लगवाएं। बैठक में सीडीओ अशोक कुमार, सीएमओ डा0 संतोष कुमार श्रीवास्तव, डीपीओ दिलीप पाण्डेय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी डा0 देवेन्द्र श्रीवास्तव, डीसीपीएम डा0 आर0पी0 सिंह तथा डब्लूएचओ के अधिकारी व सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी मौजूद रहे।