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आयुक्त व डीएम से सम्मान पाकर गदगद हुए सेवानिवृत्त शिक्षक

मुख्य जिला संवाददाता दीपक वर्मा की रिपोर्ट

आयुक्त व डीएम ने अध्यापकों को पढ़ाया नैतिकता का पाठ, समाज को दिशा में देने में सहयोग करें सेवानिवृत्त अध्यापक

गोंडा-: बेसिंक शिक्षा समाज की रीढ़ की हड््डी की तरह है। शिक्षक जो भी करते हैं उसका सीधा असर समाज और बच्चों पर पड़ता है। इसलिए शिक्षकों को ऐसा काम करना चाहिए जिससे किसी को शिकायत का मौका न मिले तथा समाज को शिक्षा व शिष्टाचार के द्वारा सकारात्मक व नई दिशा मिले। यही शिक्षकों की समाज के प्रति जवाबदेही व सच्ची सेवा होती है। यह बातें देवीपाटन मण्डल के आयुक्त सुधेश कुमार ओझा ने बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के सेवानिवृृत्त हुए अध्यापकों व कर्मचारियों के सम्मान समारोह के दौरान कही। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सेवानिृृत्त शिक्षक सम्मान समारोह का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि आयुक्त देवीपाटन मण्डल सुधेश कुमार ओझा व विशिष्ट अतिथि डीएम जेबी सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सम्मान समारोह में आयुक्त एवं डीएम द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के हाल ही में सेवानिवृृत्त हुए 83 अध्यापकों तथा एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अंगवस्त्र भेंट कर तथा माल्यार्पण कर स्वागत किया। आयुक्त व जिलाधिकारी द्वारा समस्त सेवा निवृृत्त शिक्षकों को उनके देयकों के प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। अपने सम्बोधन में आयुक्त ने कहा कि अध्यापक समाज की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं तथा समाज को अध्यापकों की जरूरत हमेशा रहती है। उन्होने सेवा निवृृत्त शिक्षकों का आहवान करते हुए कहा कि सेवा निवृृत्ति के उपरान्त भी समाज को अपनी सेवाएं देते रहें। उन्होने कहा कि शिक्षक जो भी काम करते हैं उसका सीधा असर समाज और बच्चों पर पड़ता है। इसलिए शिक्षकों को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे किसी को शिकायत का मौका मिले तथा समाज को शिक्षा व शिष्टाचार के द्वारा सकारात्मक व नई दिशा मिले। उन्होने अध्यापकों को नैतिकता पाठ पढ़ाते हुए कहा कि उन्हें दायित्वों का निवर्हन पूरी लगन के साथ करने की जरूरत है। डीएम जेबी सिंह ने कहा कि अध्यापक कभी सेवा निवृत्त नहीं होते। वे हमेशा कर्तव्यों व व्यहार के कारण हमेशा समाज को सुधारने व मार्ग दर्शन देने का काम करते हैं। सेवानिवृृत्त शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए डीएम ने कहा कि समाज में शिक्षक और बच्चे सबसे बड़े संदेशवाहक होते हैं। बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं होती है जरूरत इस बात की होती है कि अध्यापक या गुरूजन उन बच्चों को तराशते कैसे हैं। प्रतिभाओं को उड़ान देने का काम गुरूजन ही करते हैं। इसलिए वर्तमान दौर में अध्यापकों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करना तथा उन्हें लक्ष्य के प्रति लगन और परिश्रम करने की प्रेरणा देने का काम करना चाहिए। सभी अध्यापक सरकारी स्कूलों में ऐसे वातावारण बनाएं कि जिससे लोग मंहगें प्राइवेट या कान्वेन्ट स्कूलों में न जाकर सरकारी विद्यालयों में बच्चों के दाखिले करवाएं। सीडीओ अशोक कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकारी सेवा अथवा कोई भी सेवा हो, कार्यकाल ऐसा होना चाहिए कि सेवा निवृृत्त होने के बाद भी लोग आपको याद करें। कार्यक्रम के दौरान याकूब अज्म गोण्डवी द्वारा अतिथियों के सम्मान में सुन्दर रचना की प्रस्तुति की गई। बीएसए गोण्डा द्वारा मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी व सीडीओ को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र सिंह ने किया। बीएसए द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान बीएसए संतोष कुमार देव पाण्डेय, वित्त एवं लेखाािधकारी गोण्डा, समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारीगण, समेकित शिक्षा अभियान समन्वयक राजेश सिंह, पीटीआई संजय सिंह, समस्त शिक्षक संगठनों के पदाधिकारीगण, स्वयम प्रकाश शुक्ल, इरफान मोईन सहित अध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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