धीरेन्द्र मिश्रा
लखनऊ। राजधानी लखनऊ मे भूमाफियाओ पर कोई लगाम नही है थाना मड़ियाव क्षेत्र के अन्तर्गत भिठौली चौकी के पास अवैध तरीको से जमीनो पर कब्जा भूमाफियाओ ने कर रखा है। सूत्रो की माने तो चन्द रूपये देकर ये लोग खाली जगहो पर कब्जा वर्षो से कर रखे है ।भिठौली चौराहे पर इसी तरह डॉक्टर साहब ने भी एक जगह पर कब्जा कर किराए पर दे रखा है। जब इस विषय पर उनसे पूछा कि आपने जिस जगह को किराए पर दिया है क्या वह आपने खरीदी है । इतना पूछते ही तिलमिला उठे डाक्टर साहब और वह सरकार और पत्रकारो को ही चैलेन्च करने लगे कि यहा पर एक नही बहुतो ने कब्जा करके रखा है । सरकार क्या इनको नही देख रही है । साथ ही मे यह भी बताया कि भिठौली से बक्शी का तालाब वाली सड़क पर रेलवे क्रासिंग के पास कब्जो का मकड़जाल फैला है । कुछ ने तो अपनी अपनी जगहो पर पूरा निर्माण करा दिया है और कुछ लोगो ने तो अभी कब्जे वाली जगहो पर बांस और बल्ली लगा रखी है । अवैध कब्जो पर सरकार के कड़े नियमो के बाद भी उड़ाई जा रही है खुलेआम नियमो की धज्जिया।
सरकारी और खाली जमीनो पर कब्जा करके कर रहे है मोटी कमाई
नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए सरकार की आंखो मे धूल झोकी जा रही है । सूत्रो की माने तो एलडीए और रेलवे की खाली पड़ी जमीनो पर कब्जा कर करके किराए पर उठाकर कर रहे है मोटी कमाई । सरकार को लगा रहे है चूना। यहा तक कि बहुत से लोगो ने तो रेलवे पटरी के पास की खाली पड़ी जगहो पर पूरा पूरा मकान ही बना लिया है हाइवे पर जमीन होने के कारण अच्छा किराया मिलता है खुलेआम तीन तीन हजार रूपये किराए पर उठाई जा रही अवैध कब्जे की जमीने लेकिन इन पर कोई लगाम नही है इन्ही जमीनो पर अवैध तरीको से बिल्डिंग निर्माण कराकर हो रहा है कब्जा। एक के बाद एक दुकाने तैयार हो रही है लखनऊ प्रशासनिक अधिकारी अवैध बिल्डिंग और अवैध भू माफियो से कब्जा मुक्त कराने में लगे है पूरा प्रयास कर रहे है लेकिन ऐसे मामले सरकार की सारी मेहनत पर पानी फेर रहे है।
आखिर कौन मेहरबान है इन भूमाफियाओ पर
लखनऊ से सीतापुर चलने वाली ट्रेन काफी समय से बंद पड़ी है । वह अब बहुत जल्द शुरू होने वाली है इससे इन आकाओ की कमाई मे चार चांद लगने वाले है । राजधानी मे इस तरह के कब्जो पर कौन मेहरबान है । यह समझना भी बहुत मुश्किल हो रहा है कि एक तरफ फुटपाथ पर दुकान लगाकर चलाने वाले फुटपाथियो से दुकान खाली कराकर सब अपनी अपनी वाह वाही लेने मे लगे है । लेकिन यहा तो पूरी की पूरी जगह ही कब्जा हो गई ।लेकिन इस पर किसी की नजर ही नही। क्या सरकारी सारी व्यवस्थाए इनके आगे कमजोर साबित हो रही है या इन पर लगाम लगाना अब सरकार की पहुच के बाहर है।