अरुण कुमार
निघासन लखीमपुर | आये दिन विद्यालयों में बारात रोकने से वहां पर स्वक्षता अभिया के तहत हुई स्वक्षता एक गंदे ढेर में तब्दील हो जाती है | इस ओर प्रशासन को भी संज्ञान में लेकर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए | जबकि प्रशाशन इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं देता है | जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी महोदय को सख्त कदम उठाना चाहिए और कोई दिशा निर्देश जारी करना चाहिए कि किसी भी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में बारात को ना ठहराया जाए | विद्यालय में बारात को रोकने से जो भी स्वच्छ व्यवस्था विद्यालय की बनाई गई है वह पूरी तरीके से ध्वस्त हो जाती है | अराजक तत्व बारात में आकर पान पुड़िया शराब का सेवन कर पूरी तरीके से स्वच्छता को प्रभावित करते हैं | ऐसी दशा में यदि बारात को विद्यालय में ठहराया जाता है तो संबंधित प्रधानाचार्य एवं प्रधान का पूर्ण रूप से उत्तरदायित्व होगा पूरी तरीके से इस पर अंकुश लगाना जरूरी है |