उन्नाव। (सू0वि0) कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल सभागार में जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे द्वारा आईजीआरएस, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन व जनता दर्शन एवं अन्य संदर्भों के निस्तारण की मासिक समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने आईजीआरएस से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता को निराशा जनक बताते हुए कहा कि अधिकारी गण निस्तारण आख्या देने में सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त ही प्रस्तुत की जाए। आईजीआरएस से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करते समय शासन की गाइड लाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। सही प्रकार से शिकायतों का निस्तारण न करने की वजह से जनपद की रैंकिंग प्रभावित होती है। उन्होंने समस्त अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिस अधिकारी के प्रति शिकायत है, वह स्वयं अपनी जांच नहीं करेगा। अधिकारी के प्रति जांच अन्य किसी विभाग के अधिकारी से करायी जाए। आईजीआरएस के निस्तारण में गवाह का नाम, उसके पिता का नाम तथा मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से लिखा जाए। निस्तारण करते समय किसी भी तरह का शाॅर्टकट न अपनाएं। आवदेन प्राप्त होते ही तुरन्त निस्तारण की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाए ताकि गुणवत्ता प्रभावित न हो। निस्तारण आख्या में भाषाशैली का विशेष ध्यान रखा जाए। शिकायत कर्ता के लिए आपत्तिजनक शब्दावली का इस्तेमाल कदापि न किया जाए। किसी भी प्रकरण को डिफाॅलटर न बनने दिया जाए। सभी शिकायतों का निस्तारण समय से किया जाए। आईजीआरएस के निस्तारण में विशेष ध्यान दिया जाए क्योंकि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा इसकी नियमित समीक्षा की जाती है। बैठक में सीडीओ ऋषिराज, एडीएम (वि/रा) नरेन्द्र सिंह, एसडीएम सदर नूपुर गोयल, डीडीओ संजय पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर देवेन्द्र सिंह सहित समस्त उप जिलाधिकारी एवं जनपद स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
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