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आईडीए अभियान को लेकर ‘प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण’ हुआ संपन्न

10 फरवरी से फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराने के लिए चलेगा आईडीए अभियान
उन्नाव | राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराने के लिए जनपद में 10 फरवरी 2024 से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत आइवर्मेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन और एल्बेंडाजॉल (‘आईडीए’) खिलाई जाएगी | इसी क्रम में बुधवार को जिला चिकित्सालय सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश के निर्देशन में प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ | प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपरमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे आर सिंह ने की |
नोडल अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है। यह हो गई तो ठीक नहीं होती है | यह बीमारी व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बना देती है | इस बीमारी से बचाव के लिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन ही एकमात्र विकल्प है | आईडीए अभियान के तहत लगातार दो साल तक साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा खाकर इस रोग से बचा जा सकता है। फाइलेरिया संक्रामक बीमारी है |
उन्होंने कहा कि जनपद के 10 ब्लाकों –नवाबगंज,मियागंज,बांगरमऊ, पुरवा,अचलगंज, बीघापुर, फतेहपुर, गंज मुरादाबाद, बिछिया. और सुमेरपुर में यह भियान चलाया जाएगा। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रतिभागियों को निर्देशित किया कि अपने ब्लॉक में विधिवत कार्य योजना बनाते हुए कार्यक्रम को समुचित रूप से संचालित करें। उसका पर्यवेक्षण करें और समय से रिपोर्ट जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में प्रेषित करें।शत-प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को दवा का सेवन कराने के निर्देश दिए | उन्होंने अभियान का माइक्रोप्लान समय से तैयार करने को कहा और उसमें जो भी दिक्कतें आ रही है उन्हें दूर करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के संचालन के समय सभी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रतिदिन सांय कालीन बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दिन भर की गई गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी तथा जो भी समस्याएं आएगी उन्हें दूर किये जाने का प्रयास किया जाएगा। नोडल अधिकारी द्वारा जनपद के समस्त स्कूलों को शत-प्रतिशत दवा का सेवन कराने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक अन्य सहयोगी विभागों से समन्वय बनाने हेतु निर्देशित किया गया ।
जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चन्द्र ने कहा कि कहा कि आईडीए अभियान के अन्तर्गत दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना है | यह दवा आयु एवं लंबाई के अनुसार खिलाई जाएगी | फाइलेरिया से बचाव की दवा घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने खिलाएँगे एवं किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जायेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम में लगाए गए सुपरवाइजर द्वारा प्रतिदिन टीमों का भ्रमण किया जाये और उनके द्वारा दवा खिलाये जाने के दौरान इंकार करने वाले व्यक्तियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराने का प्रयास किया जाए
स्वयंसेवी संस्था पाथ की डा. पूजा धुले ने बताया कि अभियान प्रारंभ होने से पहले फैमिली सर्वे माइक्रो प्लान और अन्य जरूरी गतिविधियां प्रशिक्षण आदि समय से पूर्ण कर लिए जाएं ताकि जो कमियां पिछले दवा सेवन अभियान के दौरान रह गई थी वह दोहराई ना जाए। पीपीटी के माध्यम से अभियान को सुचारू चलाने के लिए प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अभियान के विषय में बताया गया।
जिला जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर अंकिता सिंह ने बताया कि उन्होंने बताया कि सामान्यतया लोगों में फाइलेरियारोधी दवाओं के सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं और यह प्रतिक्रिया दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने के कारण हुई है । इस बारे में लोगों को जानकारी दें जिससे कि लोग घबराए नहीं और शत प्रतिशत लॉग दवा का सेवन करें।
प्रशिक्षण में समस्त केंद्रों के अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी,/बी.सी.पीएम , जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय से सहायक जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश दीक्षित,मलेरिया निरीक्षक विवेक दीक्षित,ऋषभ श्रीवास्तव,सुचिता अग्निहोत्री,फाइलेरिया निरीक्षक विशाल चौधरी,वरिष्ठ प्रयोगशाला तकनीशियन रामचंद्र तिवारी, स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), प्रोजेक्ट कंसर्न इंटेरनेशनल (पी.सी.आई.) और पाथ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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