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चांदमारी मस्जिद के इमाम मोहम्मद एहतेशाम ने मोहर्रम की दसवीं की फजीलत के बारे में किया बयान

उन्नाव।आज मोहर्रम की दसवीं योमा आशूरा के दिन दरोगा बाग चांदमारी मस्जिद के हाफिज मोहम्मद एहतेशाम सोहदये कर्बला का किया जिक्र और मोहर्रम की 10 तारीख की फजीलत के बारे में भी बताया की अल्लाह रब्बुल इज्जत ने किस तरीके से सबरे हुसैन से कुर्बानी लिया अब्बास अलमदार मासूमे अली असगर जो सिर्फ 6 माह के थे उन से कुर्बानी किस तरीके से लिया और किस तरीके से हजरत इमाम हुसैन अपने बाजुओं पर ले कर के यहूदियों के पास पहुंचे जहां आपने कहा कि ऐ यजीद तेरी दुश्मनी मुझसे है इस मासूम से क्यों निकाल रहे हो कम से कम को थोड़ा सा पानी इसके मुंह में डाल दो मगर यजीद को जरा सी भी रहम नहीं आया और उसने अपने सिपाहियों से हमला करने के लिए कहां सिपाहियों ने नन्हे अली असगर के गर्दन पर तीर से वार किया गर्दन को पार कर हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बाजू से टकराती हुई निकल गई और इसी के साथ हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जो कि 3 दिन से बगैर खाना व बगैर पानी खेमे के बाहर कुरान की तिलावत कर रहे थे अचानक खेमों में आग लगा दी गई और यजीद ने हुसैन को चारों तरफ से घेर लिया फिर हुसैन ने अपनी तलवार निकालकर जो वार किया तो जैसे पेड़ हिलाने पर फल गिरते हैं उसी तरीके से दुश्मनों के सर धड़ से अलग हो गए फिर हुसैन के ऊपर तीरों से वार किए कर दिए गए और उनको घेर लिया गया यजीद ने हुसैन से आखिरी ख्वाहिश पूछी तो हुसैन ने फरमाया यजीद तू हमें नमाज पढ़ने की मोहलत दे फिर हुसैन को नमाज पढ़ने की मोहलत दी गई उस पर यजीद ने हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सर कलम कर लिया इस तरीके से इस्लाम को बचाने के लिए हुसैन का पूरा खानदान कुर्बान हो गया और इस्लाम जिंदा रहने के लिए पूरे खानदान ने कुर्बानी दी शहीद हुए इस्लाम के लिए नमाज उस वक्त भी थी और इस वक्त भी है और इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद हजरत नूह अलैहिस्सलाम की कश्ती कनारे लगी मोहर्रम की इसी 10 तारीख को ईशा अलैहिस्सलाम आसमान पर उठाए गए इसी मोहर्रम की 10 तारीख को आदम अलैहिस्सलाम को दुआ कबूल हुई और इसी मोहर्रम की 10 तारीख को हजरत प्यारे आका सल्लल्लाहु अलैहि सल्लम के नवासे हसन हुसैन आली मकाम कर्बला की सर जमीन पर अल्लाह की राह में कुर्बानी दे दी हाफिज मोहम्मद एहसान ने यह भी बताया की मोहर्रम की 10 तारीख की फजीलत क्या होती है इसलिए मुसलमान हर साल मोहर्रम की 10 तारीख को हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम अहले खानदान की कुर्बानी शहादत को याद करके कुराने पाक की तिलावत और हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को याद किया जाता है।

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