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स्वैच्छिक रक्तदान शिविर कलेक्ट्रेट परिसर में 07 फरवरी को-जिलाधिकारी

अम्बिकानन्द त्रिपाठी
फैजाबाद | कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिलाधिकारी डा0 अनिल कुमार की अध्यक्षता में जिला प्रशासन एवं आकांक्षा समिति के सहयोग से रक्तदान एवं भावी रक्तदाता पंजीकरण शिविर के सम्बन्ध में बैठक हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि रक्त का स्वास्थ्य के लिये महत्वपूर्ण योगदान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकनुसार प्रतिवर्ष किसी क्षेत्र में रक्त की आवश्यकता उसकी कुल जनसंख्या की 01 प्रतिशत हेाती है। इस आधार पर प्रदेश में कुल रक्त की आवश्यकता 23 लाख यूनिट प्रतिवर्ष की है, जिसके सापेक्ष वर्तमान में प्रदेश के समस्त रक्तकोषों (सरकारी एवं निजी) के द्वारा सामूहिक रूप से कुल लगभग 9.5 लाख यूनिट रक्त ही संग्रहित किया जा रहा है, जिसने मात्र 50 प्रतिशत रक्त की स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से संग्रहित किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा प्रतिस्थापी रक्त संग्रह के माध्यम को पूर्णतया विलोपित करते हुये वर्ष 2022 तक शत् प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से रक्त संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जिलाधिकारी के निर्देेश पर निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु स्वैच्छिक रक्तदान दिनांक 07 फरवरी 2018 को प्रातः 10 बजे कलेक्ट्रेट कैम्पस फैजाबाद में आयोजित किया जायेगा। इस हेतु स्वैच्छिक रक्तदाताओ को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रातः 9 बजे आना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्यालयाध्यक्ष एवं जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने कार्यालय व अन्य को रक्तदान से सम्बन्धित भ्रान्तियों के बारे में जागरूक करें और बताये कि रक्तदान शिविर का आयोजन अच्छे और अनुभवी डाक्टरो की देख-रेख में आयोजित किया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविरो को नियमित रूप से आयोजित किया जाये, जिसमें सभी विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभागो से ज्यादातर लोगो को रक्तदान के लिये प्रेरित करें, उन्होने बताया कि अब बी0सी0टी0वी0 (रक्त संग्रह व परिवहन वाहन) द्वारा आपके दरवाजे पर ही आकर रक्तदान लिया जायेगा। आपको रक्त कोष आना नही पड़ेगा।
सी0एम0एस0 डा0 हरिओम श्रीवास्तव ने बताया कि रक्तदान करने से रक्त की बरबादी रूक जाती है क्योकिं पुराना रक्त नियमित टूटता रहता है व नया रक्त नियमित बनता रहता है। इससे रक्त बनने की क्रिया तेज हो जाती है, नया बना रक्त पतला व शुद्ध होता है जिससे ह्रदय, मस्तिष्क, आंख एवं अन्य अंगो की बीमारियां कम हो जाती है। इससे पित्ताशय एवं किडनी की पथरी बनने मे कमी आती है। डा0 श्रीवास्तव ने कहा कि 18 से 62 वर्ष का कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति जिसका वजन 45 किग्रा0 से अधिक और हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम प्रति0से ऊपर हो रक्तदान कर सकता है। रक्तदान हर तीन महीने बाद किया जा सकता है। इस अवसर पर सीएमओ डा0 ए0के0 गुप्ता व डा0 नानक सरन ने भी स्वैच्छिक रक्तदान के विषय में आवश्यक जानकारी दी।
बैठक में ए0डी0एम0 नगर विन्ध्यवासिनी राय, ए0डी0एम0 वित्त एवं राजस्व मदन चन्द दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट, सीएमओ, रक्तकोष के प्रभारी डा0 नानक सरन सहित जिला प्रशासन के कर्मचारी एवं आकांक्षा समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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