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किसान विज्ञान मेला 2022 आयोजित

संवाददाता सत्यपाल सिंह
सिधौली-सीतापुर। किसानों को भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति, कृषि, औद्यानिक, पशुपालन, पशु चिकित्सा, मत्स्य, कृषि यंत्रो की नई एवं नवाचार तकनीक के बारे में जागरूक करने करने के उद्देश्य से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत “किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी” अभियान के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बरपुर, सीतापुर में किसान विज्ञान मेला 2022 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर किसान – वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति, कृषि यंत्रीकरण, उन्नत कृषि तकनीक, कृषि नवाचार पर कृषि प्रदर्शनी भी लगाई गई। किसान विज्ञान मेले में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकगण, कृषि विभाग, कृषि रक्षा विभाग, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह एवं प्रगतिशील महिला तथा पुरुष किसानों ने प्रतिभाग किया इस अवसर पर आयोजित कृषि गोष्ठी में किसान – वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम की शुरुआत में कृषि वैज्ञानिक डॉ0 विनोद कुमार सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला तथा केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ सुरेश सिंह ने मानव जीवन में प्राकृतिक कृषि के महत्व पर प्रकाश डालते हुए किसानों की आय में वृद्धि की नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की तथा महिला एवं पुरुष किसान भाइयों से अनुरोध किया कि आप लोग इस गोष्ठी में बताई हुई तकनीकों पर ध्यान देकर अपने सामाजिक आर्थिक स्तर को भी ऊंचा उठा सकते हैं साथ ही साथ मानव स्वास्थ्य में भी परिवर्तन ला सकते हैं।
केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार सिंह ने भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए इस पद्धति को आज की आवश्यकता बताया एवं किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान किया तथा अपने सम्बोधन में किसान भाइयों से कहा कि आज खेती में उर्वरक, कीटनाशक, फफूंदी नाशक, खरपतवार नाशक, जीवाणु नाशक आदि के रूप में अधिक से अधिक जहरीले रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है जिसके कारण ना तो हमारी मिट्टी स्वस्थ है और ना ही हमारा खाद्य पदार्थ, पानी आदि शुद्ध हैं साथ ही साथ हमारा पर्यावरण भी अत्यधिक प्रदूषित है। यदि हम लोग इस पद्धति को नहीं अपनाते हैं तो हमारी मिट्टी के स्वास्थ्य में साथ ही साथ हम लोगों के स्वास्थ्य में दिनोंदिन गिरावट आती जाएगी एवं नाना प्रकार की बीमारियां से हमारा परिवार परेशान रहेगा जिससे इलाज पर खर्च अधिक से अधिक आएगा जिसके कारण हम लोग कभी भी सुखी नहीं रह पाएंगे। पशु चिकित्सा अधिकारी, अटरिया डॉक्टर अनिल वर्मा ने पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए पशुओं के संतुलित पोषण, विभिन्न रोग- व्याधि एवं उनके निदान तथा टीकाकरण के महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की साथ ही साथ किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि उप संभाग, सिधौली अनुभव त्रिवेदी ने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की साथ ही साथ कृषि यंत्रीकरण बीज की उपलब्धता एवं अन्य किस निवेश उपलब्धता पर विस्तृत जानकारी देते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं फसल बीमा पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की साथ ही साथ किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
उद्यान निरीक्षक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग सीतापुर, जय जायसवाल ने विभाग के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए सब्जियों, फलों एवं औषधीय फसलों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की साथ ही साथ किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
कृषि प्रसार वैज्ञानिक अमरनाथ सिंह ने मोटे अनाज का का मानव जीवन में महत्त्व एवं उत्पादन तकनीक पर, मृदा वैज्ञानिक डॉ उमेश कुमार सिंह ने कार्बनिक खेती के विभिन्न निवेश उत्पादन तकनीक एवं उपयोग पर तथा गृह वैज्ञानिक ऋचा सिंह ने फल एवं सब्जी में परिरक्षण का महत्व तथा महिला किसानों की आय में वृद्धि की तकनीकी जानकारी प्रदान की तथा संबंधित विषयों में किसानों की समस्याओं का समाधान भी किया।
प्रगतिशील कृषक नीरज मिश्रा ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न निवेशों की उत्पादन तकनीक एवं प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया तथा आह्वान किया जितने लोग भी इस खेती से जुड़ना चाहते हैं उनका वह समय-समय पर मदद करते रहेंगे।
कृषि प्रदर्शनी में कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, कृषि रक्षा विभाग, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, नीरज मिश्रा एवं सतीश शुक्ला का प्राकृतिक कृषि उत्पाद, बसंत लाल का प्राकृतिक कृषि हेतु निवेश उत्पाद, रामकली एवं छोटेलाल के सब्जियां एवं फल, शिव भोले महिला स्वयं सहायता समूह अदमापुर मां दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूह कुंवरपुर ने प्रतिभाग किया।

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